Friday, November 2, 2012

Murli [2-11-2012]-Hindi

मीठे बच्चे - रोज़ रात को अपना पोतामेल निकालो, डायरी रखो तो डर रहेगा कि कहीं घाटा न पड़ जाए'' 
प्रश्न- कल्प पहले वाले भाग्यशाली बच्चों को बाप की कौन सी बात फौरन टच होगी? 
उत्तरः- बाबा रोज़-रोज़ जो बच्चों को याद की युक्तियां बतलाते हैं, वह भाग्यय्शाली बच्चों को ही टच होती रहेंगी। वह उन्हें फौरन अमल में लायेंगे। बाबा कहते बच्चे कुछ टाइम एकान्त में बगीचे में जाकर बैठो। बाबा से मीठी-मीठी बातें करो, अपना चार्ट रखो तो उन्नति होती रहेगी। 

धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) ज्ञान से तीसरे नेत्र को धारण कर अपनी धोखेबाज आंखों को सिविल बनाना है। याद से ही कर्मेन्द्रियां शीतल, सतोगुणी बनेंगी इसलिए यही मेहनत करनी है। 
2) धन्धे आदि से टाइम निकाल एकान्त में जाकर याद में बैठना है। कारण देखना है कि हमारा योग क्यों नहीं लगता है। अपना चार्ट जरूर रखना है। 

वरदानः- सम्पूर्ण आहुति द्वारा परिवर्तन समारोह मनाने वाले दृढ़ संकल्पधारी भव 
"जैसे कहावत है धरत परिये धर्म न छोड़िये'', तो कोई भी सरकस्टांस आ जाए, माया के महावीर रूप सामने आ जाएं लेकिन धारणायें न छूटे। संकल्प द्वारा त्याग की हुई बेकार वस्तुयें संकल्प में भी स्वीकार न हों। सदा अपने श्रेष्ठ स्वमान, श्रेष्ठ स्मृति और श्रेष्ठ जीवन के समर्थी स्वरूप द्वारा श्रेष्ठ पार्टधारी बन श्रेष्ठता का खेल करते रहो। कमजोरियों के सब खेल समाप्त हो जाएं। जब ऐसी सम्पूर्ण आहुति का संकल्प दृढ़ होगा तब परिवर्तन समारोह होगा। इस समारोह की डेट अब संगठित रूप में निश्चित करो। 
स्लोगनः- रीयल डायमण्ड बनकर अपने वायब्रेशन की चमक विश्च में फैलाओ।