Sunday, November 18, 2012

Murli [18-11-2012]-Hindi

18-11-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:08-10-75 मधुबन 
मास्टर ज्ञान-स्वरूप बनने की प्रेरणा 
18-11-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:11-10-75 मधुबन 
अन्त:वाहक अर्थात् अव्यक्त फरिश्ते रूप द्वारा सैर 
वरदान:- मन-बुद्धि से किसी भी बुराई को टच न करने वाले सम्पूर्ण वैष्णव व सफल तपस्वी भव 
पवित्रता की पर्सनैलिटी व रायॅल्टी वाले मन-बुद्धि से किसी भी बुराई को टच नहीं कर सकते। जैसे ब्राह्मण जीवन में शारीरिक आकर्षण व शारीरिक टचिंग अपवित्रता है, ऐसे मन-बुद्धि में किसी विकार के संकल्प मात्र की आकर्षण व टचिंग अपवित्रता है। तो किसी भी बुराई को संकल्प में भी टच न करना - यही सम्पूर्ण वैष्णव व सफल तपस्वी की निशानी है। 
स्लोगन:- मन की उलझनों को समाप्त कर वर्तमान और भविष्य को उज्जवल बनाओ।