11-11-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:4-10-75 मधुबन
फरिश्ता स्थिति का अनुभव करने के लिए स्वयं को अवतरित आत्मा समझ हर कार्य करो और दृढ़ संकल्प की तीली से कमज़ोरियों के रावण को जलाओ
11-11-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:7-10-75 मधुबन
सर्व अधिकार और बेहद के वैराग्य वाला ही राजॠषि
वरदान:- अपने क्षमा स्वरूप द्वारा शिक्षा देने वाले मास्टर क्षमा के सागर भव
यदि कोई आत्मा आपकी स्थिति को हिलाने की कोशिश करे, अकल्याण की वृत्ति रखे, उसे भी आप अपने कल्याण की वृत्ति से परिवर्तन करो या क्षमा करो। परिवर्तन नहीं कर सकते हो तो मास्टर क्षमा के सागर बन क्षमा करो। आपकी क्षमा उस आत्मा के लिए शिक्षा हो जायेगी। आजकल शिक्षा देने से कोई समझता, कोई नहीं। लेकिन क्षमा करना अर्थात् शुभ भावना की दुआयें देना, सहयोग देना।
स्लोगन:- स्वयं को और सर्व को प्रिय वही लगते हैं जो सदा खुशहाल रहते हैं।
फरिश्ता स्थिति का अनुभव करने के लिए स्वयं को अवतरित आत्मा समझ हर कार्य करो और दृढ़ संकल्प की तीली से कमज़ोरियों के रावण को जलाओ
11-11-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:7-10-75 मधुबन
सर्व अधिकार और बेहद के वैराग्य वाला ही राजॠषि
वरदान:- अपने क्षमा स्वरूप द्वारा शिक्षा देने वाले मास्टर क्षमा के सागर भव
यदि कोई आत्मा आपकी स्थिति को हिलाने की कोशिश करे, अकल्याण की वृत्ति रखे, उसे भी आप अपने कल्याण की वृत्ति से परिवर्तन करो या क्षमा करो। परिवर्तन नहीं कर सकते हो तो मास्टर क्षमा के सागर बन क्षमा करो। आपकी क्षमा उस आत्मा के लिए शिक्षा हो जायेगी। आजकल शिक्षा देने से कोई समझता, कोई नहीं। लेकिन क्षमा करना अर्थात् शुभ भावना की दुआयें देना, सहयोग देना।
स्लोगन:- स्वयं को और सर्व को प्रिय वही लगते हैं जो सदा खुशहाल रहते हैं।