Thursday, November 15, 2012

Murli [15-11-2012]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - बाप की गति सद्गति करने की मत वा राय सबसे न्यारी है, इसलिए गाते हैं तेरी गत मत तुम ही जानो, वह स्वयं अपनी मत देते हैं 
प्रश्न:- ब्रह्माकुमार कुमारी कहलाने के अधिकारी कौन? उनका स्वभाव कैसा होगा? 
उत्तर:- जो बाप समान मीठे और प्यारे हैं, जो कभी मतभेद में नहीं आते, वही ब्रह्माकुमार कुमारी कहलाने के अधिकारी हैं। बी.के. का स्वभाव बहुत-बहुत मीठा होना चाहिए। अन्दर जरा भी कडुवापन अथवा देह-अभिमान न हो। 
गीत:- ओम् नमो शिवाए... 
धारणा के लिए मुख्य सार:- 
1) आपस में राय कर विंहग मार्ग की सेवा करनी है। कभी मतभेद में नहीं आना है। 
2) टीचर बन सभी को अल्फ की पहचान देनी है। चढ़ती कला और उतरती कला का राज़ समझाना है। ज्ञान की पहेलियां पूछकर सत्यता को सिद्ध करना है। 
वरदान:- रूहानी स‍िम्पेथी द्वारा सर्व को सन्तुष्ट करने वाले सदा सम्पत्तिवान भव 
आज के विश्व में सम्पत्ति वाले तो बहुत हैं लेकिन सबसे बड़े से बड़ी आवश्यक सम्पत्ति है स‍िम्पेथी। चाहे गरीब हो, चाहे धनवान हो लेकिन आज सिम्पेथी नहीं है। आपके पास सिम्पेथी की सम्पत्ति है इसलिए किसी को और भले कुछ भी नहीं दो लेकिन सिम्पेथी से सबको सन्तुष्ट कर सकते हो। आपकी सिम्पेथी ईश्वरीय परिवार के नाते से है, इस रूहानी सिम्पेथी से तन मन और धन की पूर्ति कर सकते हो। 
स्लोगन:- हर कार्य में साहस को साथी बना लो तो सफलता अवश्य मिलेगी।