05-01-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:31-05-77 मधुबन
विश्व कल्याण करने का सहज साधन है श्रेष्ठ संकल्पों की एकाग्रता
वरदान:- गीता का पाठ पढ़ने और पढ़ाने वाले नष्टोमोहा स्मृति स्वरूप भव
स्लोगन:- परमात्म स्नेह में समाये रहो तो मेहनत से मुक्त हो जायेंगे।
विश्व कल्याण करने का सहज साधन है श्रेष्ठ संकल्पों की एकाग्रता
वरदान:- गीता का पाठ पढ़ने और पढ़ाने वाले नष्टोमोहा स्मृति स्वरूप भव
गीता ज्ञान का पहला पाठ है - अशरीरी आत्मा बनो और अन्तिम पाठ है नष्टोमोहा स्मृति
स्वरूप बनो। पहला पाठ है विधि और अन्तिम पाठ है विधि से सिद्धि। तो हर समय पहले
स्वयं यह पाठ पढ़ो फिर औरों को पढ़ाओ। ऐसा श्रेष्ठ कर्म करके दिखाओ जो आपके श्रेष्ठ
कर्मो को देख अनेक आत्मायें श्रेष्ठ कर्म करके अपने भाग्य की रेखा श्रेष्ठ बना सकें।
स्लोगन:- परमात्म स्नेह में समाये रहो तो मेहनत से मुक्त हो जायेंगे।