12-01-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:02-06-77 मधुबन
सर्व आत्माओं के आधार मूर्त, उद्धार मूर्त और पूर्वज - ``ब्राह्मण सो देवता है''
वरदान:- प्रसन्नता की रूहानी पर्सनैलिटी द्वारा सर्व को अधिकारी बनाने वाले गायन और पूजन योग्य भव
जो सर्व की सन्तुष्टता का सर्टीफिकेट लेते हैं वह सदा प्रसन्न रहते हैं, और इसी प्रसन्नता की
स्लोगन:- बाप से वरदान प्राप्त करने का सहज साधन है - दिल का स्नेह।
सर्व आत्माओं के आधार मूर्त, उद्धार मूर्त और पूर्वज - ``ब्राह्मण सो देवता है''
वरदान:- प्रसन्नता की रूहानी पर्सनैलिटी द्वारा सर्व को अधिकारी बनाने वाले गायन और पूजन योग्य भव
जो सर्व की सन्तुष्टता का सर्टीफिकेट लेते हैं वह सदा प्रसन्न रहते हैं, और इसी प्रसन्नता की
रूहानी पर्सनैलिटी के कारण नामीग्रामी अर्थात् गायन और पूजन योग्य बन जाते हैं। आप
शुभचिंतक, प्रसन्नचित रहने वाली आत्माओं द्वारा जो सर्व को खुशी की, सहारे की, हिम्मत
के पंखों की, उमंग-उत्साह की प्राप्त होती है - यह प्राप्ति किसको अधिकारी बना देती है,
कोई भक्त बन जाते हैं।
स्लोगन:- बाप से वरदान प्राप्त करने का सहज साधन है - दिल का स्नेह।