Tuesday, January 7, 2014

Murli-[7-1-2014]- Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - बाप समान रूहानी टीचर बनो। जो बाप से पढ़ा है वह दूसरों को भी पढ़ाओ, धारणा है तो किसको भी समझाकर दिखाओ।'' 
प्रश्न:- किस बात में बाबा को अटल निश्चय है? बच्चों को भी उसमें अटल बनना है? 
उत्तर:- बाबा को ड्रामा पर अटल निश्चय है। बाबा कहेंगे जो पास्ट हुआ ड्रामा। कल्प पहले जो किया था वही करेंगे। ड्रामा तुम्हें ऊपर नीचे नहीं करने देगा। परन्तु अभी तक बच्चों की अवस्था ऐसी बनी नहीं है इसलिए मुख से निकलता - ऐसे होता तो ऐसा करते, पता होता तो यह नहीं करते.. बाबा कहते बीती को चितओ नहीं, आगे के लिए पुरूषार्थ करो कि ऐसी कोई भूल फिर से न हो। 
धारणा के लिए मुख्य सार:- 
1) ज्ञान धारण कर दूसरों को समझाना है। ज्ञान धन दान करके महादानी बनना है। किसी से भी शास्त्रार्थ न कर बाप का सत्य परिचय देना है। 
2) तुम्हें बीती बातों का चिंतन नहीं करना है। ऐसा पुरूषार्थ करना है जो फिर कभी भूल न हो। अपना सच्चा-सच्चा चार्ट रखना है। 
वरदान:- मधुरता द्वारा बाप की समीपता का साक्षात्कार कराने वाले महान आत्मा भव 
जिन बच्चों के संकल्प में भी मधुरता, बोल में भी मधुरता और कर्म में भी मधुरता है वही बाप के समीप हैं इसलिए बाप भी उन्हें रोज़ कहते हैं मीठे-मीठे बच्चे और बच्चे भी रेसपान्ड देते हैं - मीठे-मीठे बाबा। तो यह रोज़ का मधुर बोल मधुरता सम्पन्न बना देता है। ऐसे मधुरता को प्रत्यक्ष करने वाली श्रेष्ठ आत्मायें ही महान हैं। मधुरता ही महानता है। मधुरता नहीं तो महानता का अनुभव नहीं होता। 
स्लोगन:- कोई भी कार्य डबल लाइट बनकर करो तो मनोरंजन का अनुभव करेंगे।