मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - अभी तुम्हें शान्ति और सुख के टावर में चलना है इसलिए अपने
प्रश्न:- दिमाग सदा रिफ्रेश रहे उसकी युक्ति क्या है?
उत्तर:- बाप जो सुनाते हैं उसका मंथन करो, विचार सागर मंथन करने से दिमाग सदा रिफ्रेश
गीत:- नयनहीन को राह दिखाओ...
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) स्कॉलरशिप लेने के लिए अच्छी तरह से पुरूषार्थ करो। टीचर बन औरों को राजयोग सिखाओ।
2) सर्वशक्तिमान् बाप की याद से अपनी बैटरी चार्ज करनी है। बाप से प्रतिज्ञा करने के बाद कभी
वरदान:- चमत्कार दिखाने के बजाए अविनाशी भाग्य का चमकता हुआ सितारा बनाने वाले सिद्धि स्वरूप भव
आजकल जो अल्पकाल की सिद्धि वाले हैं वह लास्ट में ऊपर से आने के कारण सतोप्रधान स्टेज के
स्लोगन:- बेहद की वैराग्य वृत्ति का वायुमण्डल हो तो सहयोगी सहज योगी बन जायेंगे।
स्वभाव और कैरेक्टर को सुधारते जाओ, पुराने को परिवर्तन करो''।
प्रश्न:- दिमाग सदा रिफ्रेश रहे उसकी युक्ति क्या है?
उत्तर:- बाप जो सुनाते हैं उसका मंथन करो, विचार सागर मंथन करने से दिमाग सदा रिफ्रेश
हो जाता है। जो सदा रिफ्रेश रहते हैं वह दूसरों की भी सर्विस कर सकते हैं। उनकी बैटरी सदा
चार्ज होती रहती है क्योंकि विचार सागर मंथन करने से सर्वशक्तिमान् बाप के साथ कनेक्शन
जुटा रहता है।
गीत:- नयनहीन को राह दिखाओ...
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) स्कॉलरशिप लेने के लिए अच्छी तरह से पुरूषार्थ करो। टीचर बन औरों को राजयोग सिखाओ।
गाइड बन सबको घर का रास्ता दिखाने की सेवा करो।
2) सर्वशक्तिमान् बाप की याद से अपनी बैटरी चार्ज करनी है। बाप से प्रतिज्ञा करने के बाद कभी
काम की चोट नहीं खानी है।
वरदान:- चमत्कार दिखाने के बजाए अविनाशी भाग्य का चमकता हुआ सितारा बनाने वाले सिद्धि स्वरूप भव
आजकल जो अल्पकाल की सिद्धि वाले हैं वह लास्ट में ऊपर से आने के कारण सतोप्रधान स्टेज के
प्रमाण पवित्रता के फलस्वरूप अल्पकाल के चमत्कार दिखाते हैं लेकिन वह सिद्धि सदाकाल नहीं रहती
क्योंकि थोड़े समय में ही सतो रजो तमो तीनों स्टेजेस से पास करते हैं। आप पवित्र आत्मायें सदा सिद्धि
स्वरूप हैं, चमत्कार दिखाने के बजाए चमकती हुई ज्योतिस्वरूप बनाने वाले हैं। अविनाशी भाग्य का
चमकता हुआ सितारा बनाने वाले हैं, इसलिए सब आपके पास ही अंचली लेने आयेंगे।
स्लोगन:- बेहद की वैराग्य वृत्ति का वायुमण्डल हो तो सहयोगी सहज योगी बन जायेंगे।