मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - देही-अभिमानी बनो तो विकल्प समाप्त हो जायेंगे, किसी भी
प्रश्न:- नये झाड़ की वृद्धि किस तरह से होती है और क्यों?
उत्तर:- नये झाड़ की वृद्धि बहुत धीरे-धीरे और जूँ मिसल होती है। जैसे ड्रामा जूँ मिसल
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) निर्मानता का गुण धारण करना है। ज़रा भी अहंकार में नहीं आना है। ऐसा महावीर
2) सभी को मनमनाभव का वशीकरण मन्त्र सुनाना है। बहुत प्यार और धीरज से सबको
वरदान:- शान्ति की शक्ति के साधनों द्वारा विश्व को शान्त बनाने वाले रूहानी शस्त्रधारी भव
शान्ति की शक्ति का साधन है शुभ संकल्प, शुभ भावना और नयनों की भाषा है। जैसे मुख
स्लोगन:- निर्विघ्न रहना और निर्विघ्न बनाना - यही सच्ची सेवा का सबूत है।
बात से डर नहीं लगेगा, तुम फिकर से फ़ारिग हो जायेंगे।''
प्रश्न:- नये झाड़ की वृद्धि किस तरह से होती है और क्यों?
उत्तर:- नये झाड़ की वृद्धि बहुत धीरे-धीरे और जूँ मिसल होती है। जैसे ड्रामा जूँ मिसल
चल रहा है, ऐसे ड्रामा अनुसार यह झाड़ भी धीरे-धीरे वृद्धि को पाता है क्योंकि इसमें माया
का मुकाबला भी बहुत करना पड़ता है। बच्चों को देही-अभिमानी बनने में मेहनत लगती
है। देही-अभिमानी बनें तो बहुत खुशी रहे। सर्विस में भी वृद्धि हो। बाप और वर्से की याद
रहे तो बेड़ा पार हो जाए।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) निर्मानता का गुण धारण करना है। ज़रा भी अहंकार में नहीं आना है। ऐसा महावीर
बनना है जो माया हिला न सके।
2) सभी को मनमनाभव का वशीकरण मन्त्र सुनाना है। बहुत प्यार और धीरज से सबको
ज्ञान की बातें सुनानी है। बाप का पैगाम सब धर्म वालों को देना है।
वरदान:- शान्ति की शक्ति के साधनों द्वारा विश्व को शान्त बनाने वाले रूहानी शस्त्रधारी भव
शान्ति की शक्ति का साधन है शुभ संकल्प, शुभ भावना और नयनों की भाषा है। जैसे मुख
की भाषा द्वारा बाप का वा रचना का परिचय देते हो, ऐसे शान्ति की शक्ति के आधार पर
नयनों की भाषा से नयनों द्वारा बाप का अनुभव करा सकते हो। स्थूल सेवा के साधनों से
ज्यादा साइलेन्स की शक्ति अति श्रेष्ठ है। रूहानी सेना का यही विशेष शस्त्र है - इस शस्त्र
द्वारा अशान्त विश्व को शान्त बना सकते हो।
स्लोगन:- निर्विघ्न रहना और निर्विघ्न बनाना - यही सच्ची सेवा का सबूत है।