Wednesday, January 22, 2014

Murli-[22-1-2014]- Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - अल्फ और बे, बाप और वर्सा याद रहे तो खुशी का पारा चढ़ा रहेगा, 
यह बहुत सहज सेकेण्ड की बात है'' 

प्रश्न:- बेअन्त खुशी किन बच्चों को रहेगी? सदा खुशी का पारा चढ़ा रहे उसका साधन क्या है? 
उत्तर:- जो बच्चे अशरीरी बनने का अभ्यास करते, बाप जो सुनाते हैं उसको अच्छी रीति धारण 
कर दूसरों को कराते हैं, उन्हें ही बेअन्त खुशी रह सकती है। खुशी का पारा सदा चढ़ा रहे इसके 
लिए अविनाशी ज्ञान रत्नों का दान करते रहो। बहुतों का कल्याण करो। सदा यह स्मृति रहे कि 
हम अभी सुख और शान्ति की चोटी पर जा रहे हैं तो खुशी रहेगी। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) ज्ञान की धारणा करने के लिए पहले अपनी बुद्धि गोल्डन एज की बनाओ। बाप की याद के सिवाए 
और किसी भी चीज़ में ममत्व न रहे। 

2) कर्मातीत अवस्था को प्राप्त कर घर जाने के लिए अशरीरी बनने का अभ्यास करो। अपनी चाल भी 
देखो कि किसको दु:ख तो नहीं देते हैं। बाप समान मीठे बने हैं। 

वरदान:- सेवा में रहते सम्पूर्णता के समीपता की अनुभूति करने वाले ब्रह्मा बाप समान एक्जैम्पुल भव 

जैसे ब्रह्मा बाप सेवा में रहते, समाचार सुनते एकान्तवासी बन जाते थे। एक घण्टे के समाचार को 5 मिनट 
में सार समझ बच्चों को खुश करके, अपनी अन्तर्मुखी, एकान्तवासी स्थिति का अनुभव करा देते थे। ऐसे 
फालो फादर करो। ब्रह्मा बाप ने कभी नहीं कहा कि मैं बहुत बिजी हूँ लेकिन बच्चों के आगे एक्जैम्पुल बनें। 
ऐसे समय प्रमाण अभी इस अभ्यास की आवश्यकता है। दिल की लगन हो तो समय निकल आयेगा और 
अनेकों के लिए एक्जैम्पुल बन जायेंगे। 

स्लोगन:- हर कर्म में - कर्म और योग का अनुभव होना ही कर्मयोग है।