Monday, February 24, 2014

Murli-[24-2-2014]-Hindi

मीठे बच्चे - ऊंच पद पाने के लिए बाप तुम्हें जो पढ़ाते हैं उसे ज्यों का त्यों धारण करो, 
सदा श्रीमत पर चलते रहो'' 

प्रश्न:- कभी भी अफसोस न हो, उसके लिए किस बात पर अच्छी तरह विचार करो? 
उत्तर:- हर एक आत्मा जो पार्ट बजा रही है, वह ड्रामा में एक्यूरेट नूँधा हुआ है। यह 
अनादि और अविनाशी ड्रामा है। इस बात पर विचार करो तो कभी भी अफसोस नहीं 
हो सकता। अफसोस उन्हें होता जो ड्रामा के आदि मध्य अन्त को रियलाइज नहीं 
करते हैं। तुम बच्चों को इस ड्रामा को ज्यों का त्यों साक्षी होकर देखना है, इसमें 
रोने रूसने की कोई बात नहीं। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) विचार सागर मंथन कर स्वयं को ज्ञान रत्नों से भरपूर करना है। ड्रामा के राज़ को अच्छी 
रीति समझकर दूसरों को समझाना है। किसी भी बात में अफसोस न कर सदा हर्षित रहना है। 

2) अपनी अवस्था बहुतकाल से एकरस बनानी है ताकि पिछाड़ी में एक बाप के सिवाए दूसरा 
कोई भी याद न आये। अभ्यास करना है हम भाई भाई हैं, अभी वापस जाते हैं। 

वरदान:- सर्व सत्ताओं को सहयोगी बनाए प्रत्यक्षता का पर्दा खोलने वाले सच्चे सेवाधारी भव 

प्रत्यक्षता का पर्दा तब खुलेगा जब सब सत्ता वाले मिलकर कहेंगे कि श्रेष्ठ सत्ता, ईश्वरीय सत्ता, 
आध्यात्मिक सत्ता है तो यही एक परमात्म सत्ता है। सभी एक स्टेज पर इकट्ठे हो ऐसा स्नेह 
मिलन करें। इसके लिए सबको स्नेह के सूत्र में बांध समीप लाओ, सहयोगी बनाओ। यह स्नेह 
ही चुम्बक बनेगा जो सब एक साथ संगठन रूप में बाप की स्टेज पर पहुंचेंगे। तो अब अन्तिम 
प्रत्यक्षता के हीरो पार्ट में निमित्त बनने की सेवा करो तब कहेंगे सच्चे सेवाधारी। 

स्लोगन:- सेवा द्वारा सर्व की दुआयें प्राप्त करना - यह आगे बढ़ने की लिफ्ट है।