Sunday, February 23, 2014

Murli-[23-2-2014]-Hindi



23-02-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त बापदादा'' रिवाइज:28-11-97 मधुबन 
बेहद की सेवा का साधन - रूहानी पर्सनैलिटी द्वारा नज़र से निहाल करना 

वरदान:- सदा सन्तुष्ट रह अपनी दृष्टि, वृत्ति, कृति द्वारा सन्तुष्टता की अनुभूति कराने वाले सन्तुष्टमणि भव

ब्राह्मण कुल में विशेष आत्मायें वो हैं जो सदा सन्तुष्टता की विशेषता द्वारा स्वयं भी सन्तुष्ट रहती हैं 
और अपनी दृष्टि, वृत्ति और कृति द्वारा औरों को भी सन्तुष्टता की अनुभूति कराती हैं, वही सन्तुष्टमणियां 
हैं जो सदा संकल्प, बोल, संगठन के सम्बन्ध-सम्पर्क वा कर्म में बापदादा द्वारा अपने ऊपर सन्तुष्टता 
के गोल्डन पुष्पों की वर्षा अनुभव करती हैं। ऐसी सन्तुष्ट मणियां ही बापदादा के गले का हार बनती हैं, 
राज्य अधिकारी बनती हैं और भक्तों के सिमरण की माला बनती हैं। 

स्लोगन:- निगेटिव और वेस्ट को समाप्त कर मेहनत मुक्त बनो।