Tuesday, February 18, 2014

Murli-[18-2-2014]-Hindi

मीठे बच्चे - मैं सदा वाणी से परे हूँ, मैं आया हूँ तुम बच्चों को उपराम बनाने, अभी तुम 
सबकी वानप्रस्थ अवस्था है, अब वाणी से परे घर जाना है'' 

प्रश्न:- अच्छा पुरूषार्थी स्टूडेन्ट किसको कहेंगे? उनकी मुख्य निशानी सुनाओ? 
उत्तर:- अच्छा पुरूषार्थी स्टूडेन्ट वह, जो अपने आपसे बातें करना जानता हो, सूक्ष्म स्टडी 
करता हो। पुरूषार्थी स्टूडेन्ट सदा अपनी जाँच करते रहेंगे कि हमारे में कोई आसुरी 
स्वभाव तो नहीं है? दैवीगुण कहाँ तक धारण किये हैं? वह अपना रजिस्टर रखते हैं 
कि भाई-भाई की दृष्टि सदा रहती है? क्रिमिनल ख्यालात तो नहीं चलते हैं? 

धारणा के लिए मुख्य सार :- 

1) अपनी पढ़ाई का रजिस्टर रखना है। अपना चार्ट देखना है कि हमारी भाई-भाई की दृष्टि 
कहाँ तक रहती है? हमारा दैवी स्वभाव बना है? 

2) अपनी जबान पर बहुत कन्ट्रोल रखना है। बुद्धि में रहे कि हम देवता बन रहे हैं इसलिए 
खान-पान पर बहुत ध्यान देना है। जबान चलायमान नहीं होनी चाहिए। माँ-बाप को फालो करना है। 

वरदान:- साथी को सदा साथ रख सहयोग का अनुभव करने वाले कम्बाइन्ड रूपधारी भव 

सदा ``आप और बाप'' ऐसे कम्बाइन्ड रहो जो कोई भी अलग न कर सके। कभी अपने को 
अकेला नहीं समझो। बापदादा अविनाशी साथ निभाने वाले आप सबके साथी हैं। बाबा कहा 
और बाबा हाज़िर है। हम बाबा के, बाबा हमारा। बाबा आपकी हर सेवा मे सहयोग देने वाले 
है सिर्फ अपने कम्बाइन्ड स्वरूप के रूहानी नशे में रहो। 

स्लोगन:- सेवा और स्व-उन्नति दोनों का बैलेन्स हो तो सदा सफलता मिलती रहेगी।