Tuesday, November 5, 2013

Murli-[5-11-2013]- Hindi

"मुरली सार:- मीठे बच्चे - अपनी बुद्धि वा विचारों को इतना शुद्ध, स्वच्छ बनाओ जो श्रीमत 
को यथार्थ रीति धारण कर बाप का नाम बाला कर सको'' 

प्रश्न:- बच्चों की कौन-सी अवस्था ही बाप का शो करेगी? 
उत्तर:- जब बच्चों की निरन्तर हर्षितमुख, अचल-अडोल, स्थिर और मस्त अवस्था बनें तब 
बाप का शो कर सके। ऐसी एकरस अवस्था वाले होशियार बच्चे ही यथार्थ रीति सबको बाप 
का परिचय दे सकते हैं।

गीत:- मरना तेरी गली में.......... 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) अपनी अवस्था बड़ी मस्त, अचल अडोल बनानी है। सदा हर्षितमुख रहना है। 

2) ज्ञान के शुद्ध घमण्ड (नशे) में रह कर बाप का शो करना है। गीता के भगवान् को सिद्ध कर 
बाप की सच्ची पहचान देनी है। 

वरदान:- दिव्य बुद्धि के बल द्वारा परमात्म टचिंग का अनुभव करने वाला मास्टर सर्वशक्तिमान भव 

दिव्य बुद्धि को बुद्धिबल कहा जाता है इस बुद्धिबल द्वारा ही बाप से सर्वशक्तियां कैच कर मास्टर 
सर्वशक्तिमान बनते हो। जैसे साइंस बुद्धिबल है लेकिन वह संसारी बुद्धि है इसलिए इस संसार 
के प्रति, प्रकृति के प्रति ही सोच सकते हैं। आपके पास दिव्य बुद्धि का बल है जो परमात्म 
प्राप्ति की अनुभूति कराता है। दिव्य बुद्धि द्वारा हर कर्म में परमात्म प्योर टचिंग का अनुभव 
कर सफलता का अनुभव कर सकते हो। दिव्य बुद्धि के बल से माया के वार को हार खिला 
सकते हो। 

स्लोगन:- मास्टर ज्ञान सूर्य बन सर्व को ज्ञान की लाइट माइट देने वाले ही सच्चे सेवाधारी हैं।