Thursday, November 21, 2013

Murli-[19-11-2013]- Hindi

मुरली सार:- "मीठे बच्चे - ज्ञान है मक्खन, भक्ति है छांछ, बाप तुम्हें ज्ञान रूपी मक्खन 
देकर विश्व का मालिक बना देते हैं, इसलिए कृष्ण के मुख में मक्खन दिखाते हैं'' 

प्रश्न:- निश्चयबुद्धि की परख क्या है? निश्चय के आधार पर क्या प्राप्ति होती है? 
उत्तर:- 1. निश्चयबुद्धि बच्चे शमा पर फिदा होने वाले सच्चे परवाने होंगे, फेरी लगाने वाले 
नहीं। जो शमा पर फिदा हो जाते हैं वही राजाई में आते हैं, फेरी लगाने वाले प्रजा में चले 
जाते। 2. धरत परिये धर्म न छोड़िये - यह प्रतिज्ञा निश्चयबुद्धि बच्चों की है। वे सच्चे प्रीत 
बुद्धि बन देह सहित देह के सब धर्मों को भूल बाप की याद में रहते हैं। 

गीत:- छोड़ भी दे आकाश सिंहासन.... 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 
1) शिव शक्ति बन विश्व कल्याण करना है। पवित्रता के आधार पर कौड़ी तुल्य मनुष्यों को 
हीरे तुल्य बनाना है। 

2) श्रीमत पर विकारों का दान दे सम्पूर्ण निर्विकारी 16 कला सम्पूर्ण बनना है। शमा पर 
फिदा होने वाला परवाना बनना है। 

वरदान:- यथार्थ श्रेष्ठ हैन्डलिंग द्वारा सर्व की दुआयें प्राप्त करने वाले सर्व के स्नेही भव 

जैसे बाप ने किसी भी बच्चे की कमजोरी को नहीं देखा, हिम्मत बढ़ाई कि आप ही मेरे थे, 
हैं और सदा बनेंगे, ऐसे फालो फादर करो। हर एक की विशेषता को देखते सम्बन्ध-सम्पर्क 
में आओ तो आत्माओं से स्वत: आत्मिक प्यार इमर्ज होगा और बाप के साथ-साथ सर्व के 
स्नेही बन जायेंगे। जहाँ आत्मिक स्नेह है वहाँ सदा सभी द्वारा सद्भावना, सहयोग की भावना 
स्वत: ही दुआओं के रूप में प्राप्त होती है, इसको ही रूहानी यथार्थ हैन्डलिंग कहा जाता है। 

स्लोगन:- अपने श्रेष्ठ संकल्पों की एकाग्रता द्वारा, अन्य आत्माओं की भटकती हुई बुद्धि को 
एकाग्र कर देना ही सच्ची सेवा है।