03-11-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 19-05-77 मधुबन
आत्म ज्ञान और परमात्म ज्ञान में अन्तर
वरदान:- रूहानी एक्सरसाइज द्वारा वेट (बोझ) को समाप्त करने वाले समान और समीप भव
रूहानी एक्सरसाइज़ अर्थात् अभी-अभी निराकारी, अभी-अभी अव्यक्त फरिश्ता, अभी-अभी
स्लोगन:- अपने जीवन रूपी गुलदस्ते द्वारा दिव्यता की खुशबू फैलाना ही गुणमूर्त बनना है।
आत्म ज्ञान और परमात्म ज्ञान में अन्तर
वरदान:- रूहानी एक्सरसाइज द्वारा वेट (बोझ) को समाप्त करने वाले समान और समीप भव
रूहानी एक्सरसाइज़ अर्थात् अभी-अभी निराकारी, अभी-अभी अव्यक्त फरिश्ता, अभी-अभी
साकारी कर्मयोगी। अभी-अभी विश्व सेवाधारी। ऐसी एक्सरसाइज रोज़ करो तो व्यर्थ का जो
बोझ है वो समाप्त हो जायेगा। जब बोझ (वेट) समाप्त हो, माशूक समान डबल लाइट बनो
तब जोड़ी अच्छी लगेगी। यदि माशूक हल्का हो और आशिक भारी हो तो जोड़ी अच्छी नहीं
लगेगी। रूहानी माशूक आशिकों को कहते हैं समान बनो, समीप बनो।
स्लोगन:- अपने जीवन रूपी गुलदस्ते द्वारा दिव्यता की खुशबू फैलाना ही गुणमूर्त बनना है।