मुरली सार:- "मीठे बच्चे - मनुष्य को देवता बनाने की सर्विस में विघ्न जरूर पड़ेंगे। तुम्हें
प्रश्न:- जिसे अन्तिम जन्म की स्मृति रहती है उसकी निशानी क्या होगी?
उत्तर:- उनकी बुद्धि में रहेगा कि अब इस दुनिया में दूसरा जन्म हमें नहीं लेना है और न
गीत:- नई उमर की कलियां........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) हमने ईश्वर की गोद ली है फिर देवताई गोद में जायेंगे इसी रूहानी नशे में रहना है।
2) अमृतवेले उठ ज्ञान सागर के ज्ञान का मनन करना है। एक की अव्यभिचारी याद में रहना है।
वरदान:- अपने सहयोग के स्टॉक द्वारा हर कार्य में सफलता प्राप्त करने वाले मास्टर दाता भव
सेवा की अविनाशी सफलता के लिए मास्टर दाता बन सर्व को सहयोग दो। बिगड़े हुए कार्य को,
स्लोगन:- सदा हर्षित रहना है तो विश्व ड्रामा की हर सीन को साक्षी होकर देखो।
तकलीफ सहन करके भी इस सर्विस पर तत्पर रहना है, रहमदिल बनना है''
प्रश्न:- जिसे अन्तिम जन्म की स्मृति रहती है उसकी निशानी क्या होगी?
उत्तर:- उनकी बुद्धि में रहेगा कि अब इस दुनिया में दूसरा जन्म हमें नहीं लेना है और न
तो दूसरों को जन्म देना है। यह पाप आत्माओं की दुनिया है, इसकी वृद्धि अब नहीं चाहिए।
इसे विनाश होना है। हम इन पुराने वस्त्रों को उतार अपने घर जायेंगे। अब नाटक पूरा हुआ।
गीत:- नई उमर की कलियां........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) हमने ईश्वर की गोद ली है फिर देवताई गोद में जायेंगे इसी रूहानी नशे में रहना है।
अपना और दूसरों का कल्याण करना है।
2) अमृतवेले उठ ज्ञान सागर के ज्ञान का मनन करना है। एक की अव्यभिचारी याद में रहना है।
देह-अभिमान छोड़ स्वयं को आत्मा निश्चय करना है।
वरदान:- अपने सहयोग के स्टॉक द्वारा हर कार्य में सफलता प्राप्त करने वाले मास्टर दाता भव
सेवा की अविनाशी सफलता के लिए मास्टर दाता बन सर्व को सहयोग दो। बिगड़े हुए कार्य को,
बिगड़े हुए संस्कारों को, बिगड़े हुए मूड को शुभ भावना से ठीक करने में सदा सर्व के सहयोगी
बनना - यह है बड़े से बड़ी देन। इसने यह कहा, यह किया, यह देखते सुनते, समझते हुए भी
अपने सहयोग के स्टॉक द्वारा परिवर्तन कर देना। किसी द्वारा कोई शक्ति की कमी भी महसूस हो
तो अपने सहयोग से जगह भर देना - यही है मास्टर दाता बनना।
स्लोगन:- सदा हर्षित रहना है तो विश्व ड्रामा की हर सीन को साक्षी होकर देखो।