24-11-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:27-05-77 मधुबन
"अमृतवेले तन की दिनचर्या और मन के पावरफुल स्थिति की सेंटिग करो''
वरदान:- तीनों कालों, तीनों लोकों की नॉलेज को धारण कर बुद्धिवान बनने वाले विघ्न-विनाशक भव
जो तीनों कालों और तीनों लोकों के नॉलेजफुल हैं उन्हें ही बुद्धिवान अर्थात् गणेश कहा जाता है।
स्लोगन:- अपने चलन और चेहरे से सत्यता की सभ्यता का अनुभव कराना ही श्रेष्ठता है।
"अमृतवेले तन की दिनचर्या और मन के पावरफुल स्थिति की सेंटिग करो''
वरदान:- तीनों कालों, तीनों लोकों की नॉलेज को धारण कर बुद्धिवान बनने वाले विघ्न-विनाशक भव
जो तीनों कालों और तीनों लोकों के नॉलेजफुल हैं उन्हें ही बुद्धिवान अर्थात् गणेश कहा जाता है।
गणेश अर्थात् विघ्न-विनाशक। वह किसी भी परिस्थिति में विघ्न रूप नहीं बन सकते। यदि कोई
विघ्न रूप बनें भी तो आप विघ्न-विनाशक बन जाओ, इससे विघ्न खत्म हो जायेंगे। विघ्न-विनाशक
आत्मायें वातावरण, वायुमण्डल को भी परिवर्तन कर देती हैं, उसका वर्णन नहीं करती।
स्लोगन:- अपने चलन और चेहरे से सत्यता की सभ्यता का अनुभव कराना ही श्रेष्ठता है।