Thursday, November 14, 2013

Murli-[14-11-2013]- Hindi

मुरली सार:- मीठे बच्चे - देह सहित यह सब कुछ ख़त्म होने वाला है, इसलिए तुम्हें पुरानी 
दुनिया के समाचार सुनने की दरकार नहीं, तुम बाप और वर्से को याद करो'' 

प्रश्न:- श्रीमत के लिए गायन कौन-सा है? श्रीमत पर चलने वालों की निशानी सुनाओ? 
उत्तर:- श्रीमत के लिए गायन है - जो खिलायेंगे, जो पहनायेंगे, जहाँ बिठायेंगे........ वही 
करेंगे। श्रीमत पर चलने वाले बच्चे बाप की हर आज्ञा का पालन करते हैं। उनसे सदा श्रेष्ठ 
कर्म होते हैं। वे कभी श्रीमत में अपनी मनमत मिक्स नहीं करते। उनमें राइट और रांग की 
समझ होती है। 

गीत:- बनवारी रे........ 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) श्रीमत पर सदा श्रेष्ठ कर्म करने हैं। दूसरों की मत के प्रभाव में नहीं आना है। सपूत बन हर 
आज्ञा का पालन करना है। जो बात समझ में नहीं आती है, उसे वेरीफाय जरूर कराना है। 

2) सदा इसी नशे वा खुशी में रहना है कि हम यह पुराना शरीर छोड़ प्रिन्स बनेंगे। नशे में 
रह ईश्वरीय सेवा करनी है। 

वरदान:- बाबा शब्द की डायमण्ड "की''(चाबी) द्वारा सर्व खजाने प्राप्त करने वाले परमात्म स्नेही भव 

जो परमात्म स्नेही बच्चे हैं उन्हें बापदादा एक डायमण्ड शब्द की बहुत बढ़िया सौगात देते हैं - 
वह शब्द है "बाबा''। इस चाबी को सदा साथ रखो तो सर्व खजानों की प्राप्ति हो जायेगी। इस 
चाबी की, की चेन है - सदा सर्व सम्बन्धों से स्मृति स्वरूप रहना। साथ-साथ प्रतिज्ञा के 
कंगन और सर्व गुणों के श्रृंगार से सजे सजाये रहो तब विश्व के आगे फरिश्ते रूप वा देव 
रूप में प्रख्यात होंगे। 

स्लोगन:- बीती को पास करके, बापदादा के पास (समीप) रहो तो पास विद आनर बन जायेंगे।