Thursday, November 21, 2013

Murli-[17-11-2013]- Hindi

17-11-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:31-12-96 मधुबन 
नये वर्ष में अनुभवी मूर्त बन सबको अनुभवी बनाओ 


वरदान:- परमार्थ के आधार पर व्यवहार को सहज बनाने वाले भाग्यवान आत्मा भव 

आधाकल्प व्यवहार में, भक्ति में, धर्म के क्षेत्र में सबमें मेहनत की और अभी मेहनत से 
छूट गये। अभी व्यवहार भी परमार्थ के आधार पर सहज हो गया। निमित्त मात्र कर रहे हो। 
निमित्त मात्र करने वाले को सदा सहज अनुभव होगा। व्यवहार नहीं है लेकिन खेल है। 
माया का तूफान नहीं लेकिन ड्रामा अनुसार आगे बढ़ने का तोहफा है। तो मेहनत छूट 
गई ना। ऐसे मेहनत से अपने को बचाने वाली श्रेष्ठ भाग्यवान आत्मा हूँ -इसी स्मृति 
में रहो। 

स्लोगन:- जीवन में मधुरता का गुण धारण करना ही महानता है