Monday, December 9, 2013

Murli-[9-12-2013]- Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - देवताओं से भी उत्तम कल्याणकारी जन्म तुम ब्राह्मणों का
 है क्योंकि तुम ब्राह्मण ही बाप के मददगार बनते हो'' 

प्रश्न:- अभी तुम बच्चे बाबा को कौन-सी मदद करते हो? मददगार बच्चों को बाप क्या प्राइज़ देते हैं? 
उत्तर:- बाबा प्योरिटी पीस का राज्य स्थापन कर रहे हैं, हम उन्हें प्योरिटी की मदद करते हैं। 
बाबा ने जो यज्ञ रचा है उसकी हम सम्भाल करते हैं तो जरूर बाबा हमें प्राइज़ देगा। 
संगम पर भी हमें बहुत बड़ी प्राइज़ मिलती है, हम सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त को जानने 
वाले त्रिकालदर्शा बन जाते हैं और भविष्य में गद्दी नशीन बन जाते हैं, यही प्राइज़ है। 

गीत:- पितु मात सहायक स्वामी सखा........ 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) इस बेहद की दुनिया का दिल से सन्यास कर अपना ममत्व मिटा देना है, इससे दिल नहीं लगानी है। 

2) बाप का मददगार बन प्राइज़ लेने के लिए - 1. अशरीरी बनना है, 2. पवित्र रहना है, 
3. स्वदर्शन चक्र फिराना है, 4. स्वीट होम और स्वीट राजधानी को याद करना है। 

वरदान:- अपने शुभ भावना के संकल्प से हर आत्मा में उत्साह भरने वाले सच्चे सेवाधारी भव
 
आप बच्चों की शुभ भावना है कि हर आत्मा बाप से प्राप्ति की अंचली ले लेवे, इसी शुभ भावना 
का फल उन आत्माओं को अनुभव करने का बल मिलता है। शुभ भावना के संकल्प में बहुत 
बड़ी शक्ति है जो चारों ओर के वातावरण को बदल देती है। तो सच्चे सेवाधारी वह हैं जो स्वयं 
भी उत्साह में रहते हैं और सेवा भी उत्साह से करते हैं और अन्य आत्माओं में भी बाप के 
परिचय द्वारा उत्साह भरते हैं। उत्साह ऐसी चीज़ है जो उसके आगे परिस्थिति कुछ भी नहीं है, 
वह वार करने के बजाए बलिहार हो जाती है। 

स्लोगन:- बापदादा से अटूट प्यार हो तो ईश्वरीय मर्यादाओं पर चलना सहज अनुभव करेंगे।