Tuesday, December 3, 2013

Murli-[3-12-2013]- Hindi

सार:- मीठे बच्चे – तुम्हारा अव्यभिचारी प्यार एक बाप के साथ तब जुट सकता है जब बुद्धियोग देह सहित देह के सब सम्बन्धों से टूटाहुआ हो

प्रश्न:- तुम बच्चों की रेस कौन-सी हैउस रेस में आगे जाने का आधार क्या है?
उत्तर:- तुम्हारी रेस है पास विद् आनर बनने की” इस रेस का आधार है बुद्धियोग बुद्धियोग जितना बाप के साथ होगा उतना पाप कटेंगेऔर अटल
अखण्डसुख-शान्तिमय 21 जन्म का राज्य प्राप्त होगा इसके लिए बाप राय देते हैं – बच्चेनींद को जितने वाले बनो एक घड़ीआधीघड़ी भी 
याद में रहते-रहते अभ्यास बढ़ाते जाओ याद का ही रिकार्ड रखो |

गीत:-  वह हमसे जुदा होंगे उलफ़त दिल से निकलेगी.... 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1. अकाले मृत्यु से बचने के लिए सबको प्राण दान देने की सेवा करनी है रावण सम्प्रदाय को राम सम्प्रदाय बनाना है |

2. 
दिल की उलफ़त (प्यारएक बाप से रखना है बुद्धियोग भटकाना नहीं हैनींद को जीत याद को बढ़ाते जाना है |

वरदान:- फ़ालो फादर कर नम्बरवार विश्व के राज्य का तख़्त लेने वाले तख़्तनशीन भव

जैसे बाप ने बच्चों को आगे कियास्वयं बैकबोन रहे ऐसे फ़ालो फादर करो जितना यहाँ बाप को फ़ालो करेंगे उतना वहाँ नबरवार विश्व केराज्य 
का तख़्त लेने वाले तख़्तनशीन बनेंगे जितना समय सदा बाप के साथ खाते-पीते रहतेखेलतेपढ़ाई करते उतना ही वहाँ साथ रहते हैं |जिन 
बच्चों को जितना समीपता की स्मृति रहती है उतना नैचुरल नशानिश्चय स्वतः रहता है तो दिल से सदा यह अनुभव करो कि अनेक बारबाप 
के साथी बने हैंअभी हैं और अनेक बार बनते रहेंगे |


स्लोगन:- सेवा का फल और बल प्राप्त करने वाले ही शक्तिशाली हैं