मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - अपना सरनेम सदा याद रखो, तुम हो गॉडली चिल्ड्रेन, तुम्हारा ईश्वरीय
प्रश्न:- बाप ने बच्चों को आप समान प्यार का सागर बनाया है, उसकी निशानी क्या है?
उत्तर:- तुम बच्चे बाप समान प्यारे बने हो इसलिए तो तुम्हारे यादगार चित्रों को सभी प्यार करते हैं।
गीत:- तू प्यार का सागर है........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अपना स्वभाव बहुत मीठा, शान्तचित बनाना है। बहुत कम और रायल्टी से बात करनी है।
कोई भी बात होती है तो आप बच्चों को यह ज्ञान है कि नथिंगन्यु, हर सीन अनेक बार रिपीट
स्लोगन:- सुखदाता बाप के सुख स्वरूप बच्चे बनकर रहो तो दु:ख की लहर आ नहीं सकती।
कुल है, तुम देवताओं से भी ऊंच हो, तुम्हारे मैनर्स बड़े रॉयल चाहिए''
प्रश्न:- बाप ने बच्चों को आप समान प्यार का सागर बनाया है, उसकी निशानी क्या है?
उत्तर:- तुम बच्चे बाप समान प्यारे बने हो इसलिए तो तुम्हारे यादगार चित्रों को सभी प्यार करते हैं।
प्यार से देखते रहते हैं। लक्ष्मी-नारायण सदा हार्षितमुख, रमणीक हैं। अभी तुम जानते हो कि बाबा
हमें ज्ञान-योग से बहुत-बहुत मीठा बना रहे हैं। तुम्हें मुख से सदा ज्ञान रत्न ही निकालने हैं।
गीत:- तू प्यार का सागर है........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अपना स्वभाव बहुत मीठा, शान्तचित बनाना है। बहुत कम और रायल्टी से बात करनी है।
2) तन-मन-धन से ब्रह्मा बाप समान ट्रस्टी होकर रहना है।
वरदान:- नथिंगन्यु की स्मृति से सब प्रश्नों को समाप्त कर बिन्दी लगाने वाले अचल अडोल भव
कोई भी बात होती है तो आप बच्चों को यह ज्ञान है कि नथिंगन्यु, हर सीन अनेक बार रिपीट
की है। नथिंगन्यु की स्मृति से कभी भी हलचल में नहीं आ सकते, सदा ही अचल अडोल रहेंगे।
कोई नई बात होती है तो आश्चर्य से निकलता है यह क्या, ऐसे होता है क्या? लेकिन नथिंगन्यु
तो क्या, क्यों का क्वेश्चन नहीं, फुलस्टॉप आ जाता है। ऐसे हर दृश्य को देखते बिन्दी लगाते
चलो तो हाय-हाय में भी वाह-वाह के गीत गाते रहेंगे।
स्लोगन:- सुखदाता बाप के सुख स्वरूप बच्चे बनकर रहो तो दु:ख की लहर आ नहीं सकती।