मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - इस पाठशाला में आने से तुम्हें प्रत्यक्षफल की प्राप्ति होती है, एक-एक
प्रश्न:- बाबा जो नशा चढ़ाते हैं, वह हल्का क्यों हो जाता है? नशा सदा चढ़ा रहे उसकी युक्ति क्या है?
उत्तर:- नशा हल्का तब होता है जब बाहर जाकर कुटुम्ब परिवार वालों का मुख देखते हो। नष्टोमोहा
गीत:- मरना तेरी गली में......
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) ब्रह्मा बाप समान त्याग में नम्बर आगे जाना है। रूद्र के गले का हार बनने के लिए
2) सार्विसएबुल बनने के लिए नष्टोमोहा बनना है। अन्धों को राह बतानी है।
वरदान:- सूक्ष्म शक्तियों द्वारा स्थूल कर्मेन्द्रियों को संयम नियम में चलाने वाले स्वराज्य अधिकारी भव
सबसे पहले अपनी सूक्ष्म शक्तियों की रिजल्ट को चेक करो, जो विशेष मन-बुद्धि और संस्कारों
स्लोगन:- जिनके साथ हजार भुजाओं वाला बाप है वे कभी दिलशिकस्त नहीं हो सकते।
ज्ञान रत्न लाखों की मिलकियत है, जो बाप देते हैं''
प्रश्न:- बाबा जो नशा चढ़ाते हैं, वह हल्का क्यों हो जाता है? नशा सदा चढ़ा रहे उसकी युक्ति क्या है?
उत्तर:- नशा हल्का तब होता है जब बाहर जाकर कुटुम्ब परिवार वालों का मुख देखते हो। नष्टोमोहा
नहीं बने हो। नशा सदा चढ़ा रहे उसके लिए बाप से रूहरिहान करना सीखो। बाबा, हम आपके थे,
आपने हमें स्वर्ग में भेजा, हमने 21 जन्म सुख भोगा फिर दु:खी हुए। अब हम फिर से सुख का
वर्सा लेने आये हैं। नष्टोमोहा बनो तो नशा चढ़ा रहे।
गीत:- मरना तेरी गली में......
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) ब्रह्मा बाप समान त्याग में नम्बर आगे जाना है। रूद्र के गले का हार बनने के लिए
जीते जी बलिहार जाना है।
2) सार्विसएबुल बनने के लिए नष्टोमोहा बनना है। अन्धों को राह बतानी है।
वरदान:- सूक्ष्म शक्तियों द्वारा स्थूल कर्मेन्द्रियों को संयम नियम में चलाने वाले स्वराज्य अधिकारी भव
सबसे पहले अपनी सूक्ष्म शक्तियों की रिजल्ट को चेक करो, जो विशेष मन-बुद्धि और संस्कारों
पर पूरा कन्ट्रोल रखते हैं उन्हें ही स्वराज्य अधिकारी कहा जाता है। यह सूक्ष्म शक्तियां ही स्थूल
कर्मेन्द्रियों को संयम और नियम में चला सकती हैं। जो अपनी सूक्ष्म शक्तियों को हैन्डिल कर
लेते हैं वह दूसरों को भी हैन्डिल कर सकते हैं। स्व के ऊपर कन्ट्रोलिंग और रूलिंग पावर सर्व
के लिए यथार्थ हैन्डालिंग पावर बन जाती है।
स्लोगन:- जिनके साथ हजार भुजाओं वाला बाप है वे कभी दिलशिकस्त नहीं हो सकते।