Sunday, December 15, 2013

Murli-[15-12-2013]- Hindi

15-12-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:23-02-97 मधुबन 
साथी को साथ रख साक्षी और खुशनुम: के तख्तनशीन बनो 


वरदान:- इच्छा मात्रम अविद्या की स्थिति द्वारा मास्टर दाता बनने वाले ज्ञानी तू आत्मा भव 

जो ज्ञानी तू आत्मा अर्थात् बुद्धिवान हैं, उन्हें बिना मांगे सब कुछ मिलता है, मांगने की कोई 
आवश्यकता नहीं रहती। जब स्वत: सर्व प्राप्तियां हो जाती हैं तो मांगने का संकल्प भी नहीं 
उठ सकता, ऐसे बच्चे इच्छा मात्रम् अविद्या बन जाते हैं। ऐसे ज्ञानी तू आत्मा मांगने वाले 
से दाता के बच्चे मास्टर दाता बन जाते। मांगना पूरा हो जाता, इतना बड़ा स्वमान मिल 
जाता जो नाम-मान-शान की भी इच्छा नहीं रहती। 

स्लोगन:- अपने मन बुद्धि संस्कारों पर सम्पूर्ण राज्य करने वाले ही स्वराज्य अधिकारी हैं।