Friday, December 13, 2013

Murli-[13-12-2013]- Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - सतगुरू का सहज वशीकरण मन्त्र तुम्हें मिला हुआ है कि चुप 
रहकर मामेकम् याद करो, यही माया को अधीन करने का महामन्त्र है'' 

प्रश्न:- शिवबाबा ही सबसे भोला ग्राहक है-कैसे? 
उत्तर:- बाबा कहते-बच्चे, तुम्हारे पास देह सहित जो भी पुराना कचरा है वह मैं लेता हूँ, 
सो भी तब जब तुम मरने पर हो। तुम्हारे सफेद कपड़े भी मरने की ही निशानी हैं। तुम 
अभी बाप पर बलि चढ़ते हो। बाप फिर 21 जन्मों के लिए तुम्हें मालामाल कर देते हैं। 
भक्ति मार्ग में भी बाप सबकी मनोकामनायें पूर्ण करते हैं, ज्ञान मार्ग में भी सृष्टि के 
आदि, मध्य, अन्त का ज्ञान दे त्रिकालदर्शी बनाते हैं। 

गीत:- भोलेनाथ से निराला.......... 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) ज्ञान रत्न जो मिलते हैं उन पर विचार सागर मंथन कर स्वयं में धारण करना है। 
ज्ञान रत्नों से सदा भरपूर रहना है। 

2) अपने नारायणी नशे में रहना है, वाह्यात बातें किसी से भी नहीं करनी है। अशरीरी 
बनने का अभ्यास करना है। 

वरदान:- किसी से किनारा करने के बजाए सर्व का सहारा बनने वाले विश्व कल्याणकारी भव
 
सारे कल्प में ब्रह्मा बाप और ईश्वरीय परिवार के सम्बन्ध-सम्पर्क में आने वाली 
आप श्रेष्ठ आत्मायें हो, आप किनारा करने वाले नहीं लेकिन विश्व का सहारा बनने 
वाली विश्व कल्याणकारी आत्मायें हो। परिवार के अविनाशी प्यार के धागे के बीच से 
निकल नहीं सकते, इसलिए कभी किसी भी बात में, किसी स्थान से, किसी सेवा से, 
किसी साथी से किनारा करके अपनी अवस्था अच्छी बनाने का संकल्प नहीं करना। 
यह आदत डाली तो कहाँ भी टिक नहीं सकेंगे। 

स्लोगन:- कर्मभोग का वर्णन करने के बजाए कर्मयोग की स्थिति का वर्णन क