मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - शुभ कार्य में देरी नहीं करनी है, अपने भाई बहिनों को
प्रश्न:- किस बात का अनर्थ होने से भारत कौड़ी मिसल बन गया है?
उत्तर:- सबसे बड़ा अनर्थ हुआ है जो गीता के स्वामी को भूल, गीता ज्ञान से जन्म
गीत:- किसने यह सब खेल रचाया........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) बुद्धिवान बनने के लिए याद से अपनी बुद्धि को पारस बनाना है। बुद्धि इधर-उधर
2) भ्रमरी बन भूं-भूं कर नर्कवासी बने हुए कीड़ों को देवी-देवता बनाने की सेवा
वरदान:- ``मेरा बाबा'' इस संकल्प द्वारा हर कदम में मदद का अनुभव करने वाले निश्चयबुद्धि भव
ड्रामानुसार जो पक्के निश्चयबुद्धि हैं, दिल में संकल्प कर लेते हैं कि बाप मेरा, मैं बाप का, तो
स्लोगन:- सदा बाप की लाइट माइट के अन्दर रहो तो माया आपके आगे ठहर नहीं सकती।
ठोकर खाने से बचाना है, भूं-भूं कर आप समान बनाना है''
प्रश्न:- किस बात का अनर्थ होने से भारत कौड़ी मिसल बन गया है?
उत्तर:- सबसे बड़ा अनर्थ हुआ है जो गीता के स्वामी को भूल, गीता ज्ञान से जन्म
लेने वाले बच्चे को स्वामी कह दिया है। इसी एक अनर्थ के कारण सभी बाप से
बेमुख हो गये हैं। भारत कौड़ी तुल्य बन गया है। अब तुम बच्चे बाप से सम्मुख
में सच्ची गीता सुन रहे हो जिस गीता ज्ञान से ही देवी-देवता धर्म स्थापन होता है,
तुम श्रीकृष्ण के समान बनते हो।
गीत:- किसने यह सब खेल रचाया........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) बुद्धिवान बनने के लिए याद से अपनी बुद्धि को पारस बनाना है। बुद्धि इधर-उधर
भटकानी नहीं है। बाप जो सुनाते हैं उस पर ही विचार करना है।
2) भ्रमरी बन भूं-भूं कर नर्कवासी बने हुए कीड़ों को देवी-देवता बनाने की सेवा
करनी है। शुभ कार्य में देरी नहीं करनी है। अपने भाई-बहिनों को बचाना है।
वरदान:- ``मेरा बाबा'' इस संकल्प द्वारा हर कदम में मदद का अनुभव करने वाले निश्चयबुद्धि भव
ड्रामानुसार जो पक्के निश्चयबुद्धि हैं, दिल में संकल्प कर लेते हैं कि बाप मेरा, मैं बाप का, तो
ऐसे बच्चों को स्वत: मदद मिलती है। सिर्फ सच्ची दिल से कहो ``मेरा बाबा'' तो हर कदम में
मदद की अनुभूति होती रहेगी। जिन बच्चों का एक बाप के साथ अटूट प्यार है उन्हें कोई भी
बात रोक नहीं सकती। बाप का प्यार सब बातों से पार करा देता है। वे उड़ते रहते हैं।
स्लोगन:- सदा बाप की लाइट माइट के अन्दर रहो तो माया आपके आगे ठहर नहीं सकती।