08-12-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:28-05-77 मधुबन
बापदादा के सदा दिल तख्तनशीन, समान बच्चों के लक्षण
वरदान:- आगे पीछे सोच समझकर हर कार्य करने वाले ज्ञानी तू आत्मा त्रिकालदर्शा भव
जो बच्चे त्रिकालदर्शा अर्थात् तीनों कालों का ज्ञान बुद्धि में रख, आगे पीछे सोच समझकर
स्लोगन:- अपने सन्तुष्ट और खुशनुम: जीवन से सेवा करो तब कहेंगे सच्चे सेवाधारी।
बापदादा के सदा दिल तख्तनशीन, समान बच्चों के लक्षण
वरदान:- आगे पीछे सोच समझकर हर कार्य करने वाले ज्ञानी तू आत्मा त्रिकालदर्शा भव
जो बच्चे त्रिकालदर्शा अर्थात् तीनों कालों का ज्ञान बुद्धि में रख, आगे पीछे सोच समझकर
कर्म करते हैं उन्हें हर कर्म में सफलता मिलती है। ऐसे नहीं बहुत बिजी था इसलिए जो
काम सामने आया वह करना शुरू कर दिया, नहीं। कोई भी कर्म करने के पहले यह
आदत पड़ जाए कि पहले तीनों काल सोचना है। त्रिकालदर्शी स्थिति में स्थित होकर
कर्म करो तो कोई भी कार्य व्यर्थ वा साधारण नहीं होगा।
स्लोगन:- अपने सन्तुष्ट और खुशनुम: जीवन से सेवा करो तब कहेंगे सच्चे सेवाधारी।