20-10-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:16-05-77 मधुबन
माया के वार का सामना करने के लिए दो शक्तियों की आवश्यकता
वरदान:- अटूट याद द्वारा सर्व समस्याओं का हल करने वाले उड़ता पंछी भव
जब यह अनुभव हो जाता है कि मेरा बाबा है, तो जो मेरा होता है वह स्वत: याद रहता है।
स्लोगन:- मनन शक्ति के अनुभवी बनो तो ज्ञान धन बढता रहेगा।
माया के वार का सामना करने के लिए दो शक्तियों की आवश्यकता
वरदान:- अटूट याद द्वारा सर्व समस्याओं का हल करने वाले उड़ता पंछी भव
जब यह अनुभव हो जाता है कि मेरा बाबा है, तो जो मेरा होता है वह स्वत: याद रहता है।
याद किया नहीं जाता है। मेरा अर्थात् अधिकार प्राप्त हो जाना। मेरा बाबा और मैं बाबा का
- इसी को कहा जाता है सहजयोग। ऐसे सहजयोगी बन एक बाप की याद के लगन में
मगन रहते हुए आगे बढ़ते चलो। यह अटूट याद ही सर्व समस्याओं का हल कर उड़ता
पंछी बनाए उड़ती कला में ले जायेगी।
स्लोगन:- मनन शक्ति के अनुभवी बनो तो ज्ञान धन बढता रहेगा।