Wednesday, October 9, 2013

Murli[9-10-2013]-Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - अभी तुम बहुत बड़े स्टीमर में बैठे हो, तुम खारी चैनल को पार कर 
क्षीरसागर में जा रहे हो, तुम्हारा लंगर उठ चुका है'' 

प्रश्न:- बच्चों को विशेष थकावट किस बात में आती है? थकावट आने का मुख्य कारण क्या है? 
उत्तर:- बच्चे चलते-चलते याद की यात्रा में ही थक जाते हैं, इसमें थकावट आने का मुख्य कारण 
है संगदोष। संग ऐसा मिल जाता है जो बाप का हाथ छोड़ देते हैं। कहा जाता है संग तारे, कुसंग 
बोरे। संग में आकर स्टीमर से पांव नीचे उतारा तो माया कच्चा खा लेगी इसलिए बाबा बच्चों को 
सावधान करते हैं - बच्चे, समर्थ बाप का हाथ कभी नहीं छोड़ना। 

गीत:- माता ओ माता......... 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) समर्थ बाप का हाथ पकड़कर रखना है, एक बाप से ही दिल लगानी है, सवेरे उठकर याद में बैठना है। 

2) संगदोष से अपनी सम्भाल करनी है। कुसंग में आकर कभी पढ़ाई नहीं छोड़नी है। 

वरदान:- साधना और साधन के बैलेन्स द्वारा अपनी उन्नति करने वाले ब्लैसिंग के अधिकारी भव 

साधनों को आधार बनाने के बजाए अपनी साधना के आधार से साधनों को कार्य में लगाओ। किसी 
भी साधन को उन्नति का आधार नहीं बनाओ, नहीं तो आधार हिलने के साथ उमंग-उत्साह भी हिल 
जाता है क्योंकि साधन को आधार बनाने से बाप बीच से निकल जाता इसलिए हलचल होती है। 
साधनों के साथ साधना हो तो हर कार्य में बाप की ब्लैसिंग का अनुभव करेंगे, उमंग-उत्साह भी 
कम नहीं होगा। 

स्लोगन:- ``अगर मगर'' के चक्कर से न्यारे बनना है तो बाप समान शक्तिशाली बनो।