Tuesday, January 15, 2013

Murli [15-01-2013]-Hindi


मुरली सार :- ''मीठे बच्चे - तुम्हें बाप द्वारा बाप की लीला अर्थात् ड्रामा के आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान मिला है, तुम जानते हो अब यह नाटक पूरा होता है, हम घर जाते हैं'' 
प्रश्न:- स्वयं को बाप के पास रजिस्टर कराना है तो उसके लिए कौनसा कायदा है? 
उत्तर:- बाप के पास रजिस्टर होने के लिए 1- बाप पर पूरा पूरा बलि चढ़ना पड़ता। 2-अपना सब कुछ भारत को स्वर्ग बनाने की सेवा में सफल करना होता। 3- सम्पूर्ण निर्विकारी बनने का कसम उठाना पड़ता और फिर रहकर भी दिखाना होता। ऐसे बच्चों का नाम आलमाइटी गवर्मेन्ट के रजिस्टर में आ जाता है। उन्हें नशा रहता कि हम भारत को स्वर्ग वा राजस्थान बना रहे हैं। हम भारत की सेवा के लिए बाप पर बलि चढ़ते हैं। 
गीत:- ओम् नमो शिवाए..... 
धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) हम ईश्वरीय सन्तान एक ईश्वर की फैमली के हैं। हमें अभी ईश्वरीय मत मिल रही है, इस रूहानी नशे में रहना है। उल्टी मतों पर नहीं चलना है। 
2) भारत की सेवा के लिए ब्रह्मा बाप के समान पूरा-पूरा बलि चढ़ना है। तन-मन-धन भारत को स्वर्ग बनाने में सफल करना है। पूरा-पूरा फ्लैन्थ्रोफिस्ट (दानी) बनना है। 
वरदान:- बालक और मालिकपन के बैलेन्स से पुरुषार्थ और सेवा में सदा सफलतामूर्त भव 
सदा यह नशा रखो कि बेहद बाप और बेहद वर्से का बालक सो मालिक हूँ लेकिन जब कोई राय देनी है, प्लैन सोचना है, कार्य करना है तो मालिक होकर करो और जब मैजॉरिटी द्वारा या निमित्त बनी आत्माओं द्वारा कोई भी बात फाइनल हो जाती है तो उस समय बालक बन जाओ। किस समय राय बहादुर बनना है, किस समय राय मानने वाला - यह तरीका सीख लो तो पुरुषार्थ और सेवा दोनों में सफल रहेंगे। 
स्लोगन:- निमित्त और निमार्णचित्त बनने के लिए मन और बुद्धि को प्रभू अर्पण कर दो।