Saturday, January 12, 2013

Murli [12-01-2013]-Hindi

मुरली सार :- ''मीठे बच्चे - भक्तों पर जब भीड़ पड़ी है, विपदा आई है तब बाप आये हैं, ज्ञान से गति सद्गति करने'' 
प्रश्न:- विकर्माजीत कौन बनते हैं? विकर्माजीत बनने वालों की निशानी क्या होगी? 
उत्तर:- विकर्माजीत वही बनते जो कर्म-अकर्म और विकर्म की गति को जान श्रेष्ठ कर्म करते हैं। विकर्माजीत बनने वाले कभी भी कर्म कूटते नहीं। उनके कर्म विकर्म नहीं बनते। 
प्रश्न:- इस समय बाप डबल सर्विस कौन सी करते हैं? 
उत्तर:- आत्मा और शरीर दोनों को पावन भी बनाते और फिर अपने साथ वापस घर भी ले जाते हैं। चरित्र एक बाप के हैं। मनुष्यों के हो नहीं सकते। 
गीत:- ओम् नमो शिवाए... 
धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) एक बाप से ही सर्व रूहानी सम्बन्ध रखने हैं। सर्विसएबुल बच्चों का कदर रखना है। आप समान बनाने की सेवा करनी है। 
2) बेहद बाप द्वारा हमें बेहद विश्व का राज्य भाग्य मिल रहा है। धरती आसमान सब पर हमारा अधिकार होगा - इस नशे और खुशी में रहना है। बाप और वर्से को याद करना है। 
वरदान:- मन को बिजी रखने की कला द्वारा व्यर्थ से मुक्त रहने वाले सदा समर्थ स्वरूप भव 
जैसे आजकल की दुनिया में बड़ी पोजीशन वाले अपने कार्य की दिनचर्या को समय प्रमाण सेट करते हैं ऐसे आप जो विश्व के नव निर्माण के आधारमूर्त हो, बेहद ड्रामा के अन्दर हीरो एक्टर हो, हीरे तुल्य जीवन वाले हो, आप भी अपने मन और बुद्धि को समर्थ स्थिति में स्थित करने का प्रोग्राम सेट करो। मन को बिजी रखने की कला सम्पूर्ण रीति से यूज़ करो तो व्यर्थ से मुक्त हो जायेंगे। कभी भी अपसेट नहीं होंगे। 
स्लोगन:- ड्रामा के हर दृश्य को देख हर्षित रहो तो कभी अच्छे बुरे की आकर्षण में नहीं आयेंगे।