Thursday, December 6, 2012

Murli [6-12-2012]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम्हें शिव जयन्ति का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाना है। यह तुम्हारे लिए बहुत बड़ा खुशी का दिन है, सबको बाप का परिचय देना है'' 
प्रश्न:- कौन से बच्चे अपना बहुत बड़ा नुकसान करते हैं? घाटा कब पड़ता है? 
उत्तर:- जो बच्चे चलते-चलते पढ़ाई छोड़ देते हैं, वे अपना बहुत बड़ा नुकसान करते हैं। बाबा रोज़ इतने हीरे रत्न देते हैं, गुह्य प्वाइंटस सुनाते हैं, अगर कोई रेगुलर नहीं सुनते हैं तो घाटा पड़ जाता है। नापास हो जाते हैं, स्वर्ग की ऊंची बादशाही गंवा देते हैं। पद भ्रष्ट हो जाता है। 
गीत:- रात के राही थक मत जाना...... 
धारणा के लिए मुख्य सार:- 
1) इस पुराने शरीर का श्रृंगार नहीं करना है। वनवाह में रह नये घर में चलने की तैयारी करनी है। 
2) ज्ञान स्नान रोज़ करना है। कभी भी पढ़ाई मिस नहीं करनी है। 
वरदान:- संगमयुग पर सदा प्रत्यक्ष वा ताजा फल खाने वाले शक्तिशाली वा तन्दरूस्त भव 
संगमयुग की ही विशेषता है जो एक की पदमगुणा प्राप्ति होती है और प्रत्यक्षफल भी मिलता है। अभी-अभी सेवा की और अभी-अभी खुशी रूपी फल मिला। तो जो प्रत्यक्षफल अर्थात् ताजा फ्रूट खाने वाले हैं वह शक्तिशाली वा तन्दरूस्त होते हैं। कोई कमजोरी उनके पास आ नहीं सकती। कमजोरी तब आती है जब अलबेले होकर कुम्भकरण की नींद में सो जाते हो। अलर्ट रहो तो सर्व शक्तियां साथ रहेंगी और सदा तन्दरूस्त रहेंगे। 
स्लोगन:- फालो एक ब्रह्मा बाप को करो बाकी सबसे गुण ग्रहण करो।