30-12-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:31-12-95 मधुबन
''डायमण्ड वर्ष में फरिश्ता बनकर बापदादा की छत्रछाया और प्यार की अनुभूति करो''
वरदान:- अपने सहयोग की शक्ति द्वारा निर्बल आत्माओं को शक्तिशाली बनाने वाले वरदानी मूर्त भव
वरदानी मूर्त बच्चे स्वयं के जमा किये हुए खजानों द्वारा, स्वयं के गुणों द्वारा, स्वयं के ज्ञान खजाने द्वारा, वरदानी दृष्टि द्वारा, हिम्मत हुल्लास की शक्ति और खुशी का खजाना, अपने सहयोग की शक्ति से देकर निर्बल व कमजोर आत्माओं को शक्तिशाली बना देते हैं। उनका हर संकल्प हर आत्मा के प्रति कल्याण का होता है।
स्लोगन:- सेकण्ड में व्यक्त से अव्यक्त बनने का पुरुषार्थ करो तो वरदानी मूर्त बन जायेंगे।
''डायमण्ड वर्ष में फरिश्ता बनकर बापदादा की छत्रछाया और प्यार की अनुभूति करो''
वरदान:- अपने सहयोग की शक्ति द्वारा निर्बल आत्माओं को शक्तिशाली बनाने वाले वरदानी मूर्त भव
वरदानी मूर्त बच्चे स्वयं के जमा किये हुए खजानों द्वारा, स्वयं के गुणों द्वारा, स्वयं के ज्ञान खजाने द्वारा, वरदानी दृष्टि द्वारा, हिम्मत हुल्लास की शक्ति और खुशी का खजाना, अपने सहयोग की शक्ति से देकर निर्बल व कमजोर आत्माओं को शक्तिशाली बना देते हैं। उनका हर संकल्प हर आत्मा के प्रति कल्याण का होता है।
स्लोगन:- सेकण्ड में व्यक्त से अव्यक्त बनने का पुरुषार्थ करो तो वरदानी मूर्त बन जायेंगे।