Sunday, December 16, 2012

Murli [16-12-2012]-Hindi

16-12-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त बापदादा'' रिवाइज:09-01-96 मधुबन 
''बालक सो मालिकपन के नशे में रहने के लिए मन का राजा बनो'' 
वरदान:- दुआओं के राकेट द्वारा तीव्रगति से उड़ने वाले विघ्न प्रूफ भव 
मात-पिता और सर्व के संबंध में आते हुए दुआओं के खजाने से स्वयं को सम्पन्न करो तो कभी भी पुरूषार्थ में मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। जैसे साइन्स में सबसे तीव्रगति राकेट की होती है ऐसे संगमयुग पर सबसे तीव्रगति से आगे उड़ने का यन्त्र अथवा उससे भी श्रेष्ठ राकेट ''सबकी दुआयें'' हैं, जिसे कोई भी विघ्न जरा भी स्पर्श नहीं कर सकता, इससे विघ्न प्रूफ बन जायेंगे, युद्ध नहीं करनी पड़ेगी। 
स्लोगन:- परोपकार की भावना से सम्पन्न बनना ही श्रेष्ठता का आधार है।