09-12-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:15-10-75 मधुबन
आत्म-घाती महापापी न बनकर डबल अहिंसक बनने की युक्तियाँ
वरदान:- मालिकपन की स्मृति से शक्तियों को आर्डर प्रमाण चलाने वाले स्वराज्य अधिकारी भव
बाप द्वारा जो भी शक्तियाँ मिली हैं उन सर्व शक्तियों को कार्य में लगाओ। समय पर शक्तियों को यूज़ करो। सिर्फ मालिकपन की स्मृति में रहकर फिर आर्डर करो तो शक्तियां आपका आर्डर मानेंगी। अगर कमजोर होकर आर्डर करेंगे तो नहीं मानेंगी। बापदादा सभी बच्चों को मालिक बनाते हैं, कमजोर नहीं। सब बच्चे राजा बच्चे हैं क्योंकि स्वराज्य आपका बर्थ राइट है। यह बर्थ-राइट कोई भी छीन नहीं सकता।
स्लोगन:- त्रिकालदर्शी स्थिति में स्थित रहकर हर कर्म करो तो सफलता मिलती रहेगी।
आत्म-घाती महापापी न बनकर डबल अहिंसक बनने की युक्तियाँ
वरदान:- मालिकपन की स्मृति से शक्तियों को आर्डर प्रमाण चलाने वाले स्वराज्य अधिकारी भव
बाप द्वारा जो भी शक्तियाँ मिली हैं उन सर्व शक्तियों को कार्य में लगाओ। समय पर शक्तियों को यूज़ करो। सिर्फ मालिकपन की स्मृति में रहकर फिर आर्डर करो तो शक्तियां आपका आर्डर मानेंगी। अगर कमजोर होकर आर्डर करेंगे तो नहीं मानेंगी। बापदादा सभी बच्चों को मालिक बनाते हैं, कमजोर नहीं। सब बच्चे राजा बच्चे हैं क्योंकि स्वराज्य आपका बर्थ राइट है। यह बर्थ-राइट कोई भी छीन नहीं सकता।
स्लोगन:- त्रिकालदर्शी स्थिति में स्थित रहकर हर कर्म करो तो सफलता मिलती रहेगी।