Sunday, December 2, 2012

Murli [2-12-2012]-Hindi

02-12-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त बापदादा'' रिवाइज: 22-12-95 मधुबन 
''सर्व प्राप्ति सम्पन्न जीवन की विशेषता है - अप्रसन्नता मुक्त और प्रसन्नता युक्त'' 
वरदान:- हर आत्मा के प्रति प्यार की दृष्टि, प्यार की भावना रखने वाले बाप समान भव 
जैसे द्वापर से आप लोगों ने बाप को अनेक गालियां दी फिर भी बाप ने प्यार किया। तो फालो फादर कर बाप समान बनो। कैसी भी आत्मायें हों लेकिन अपनी दृष्टि, अपनी भावना प्यार की हो-इसको कहा जाता है सर्व के प्यारे। कोई इनसल्ट करे या घृणा सबके प्रति प्यार हो। चाहे संबंधी क्या भी कहें, क्या भी करें लेकिन आपकी भावना शुद्ध हो, सर्व के प्रति कल्याण की हो - इसको कहते हैं बाप समान। 
स्लोगन:- विशेष आत्मा वह है जो विशेषताओं को ही देखे और उनका ही वर्णन करे।