Sunday, December 23, 2012

Murli [23-12-2012]-Hindi

23-12-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:16-10-75 मधुबन 
संकल्प शक्ति को कंट्रोल कर सिद्धि-स्वरुप बनने की युक्तियाँ 
वरदान:- एक बाप की याद द्वारा एकरस स्थिति का अनुभव करने वाले सार स्वरूप भव 
एकरस स्थिति में रहने की सहज विधि है एक की याद। एक बाबा दूसरा न कोई। जैसे बीज में सब कुछ समाया हुआ होता है। ऐसे बाप भी बीज है, जिसमें सर्व सम्बन्धों का, सर्व प्राप्तियों का सार समाया हुआ है। एक बाप को याद करना अर्थात् सार स्वरूप बनना। तो एक बाप, दूसरा न कोई-यह एक की याद एकरस स्थिति बनाती है। जो एक सुखदाता बाप की याद में रहते हैं उनके पास दु:ख की लहर कभी आ नहीं सकती। उन्हें स्वप्न भी सुख के, खुशी के, सेवा के और मिलन मनाने के आते हैं। 
स्लोगन:- श्रेष्ठ आशाओं का दीपक जगाने वाले ही सच्चे कुल दीपक हैं।