मीठे बच्चे - अब तुम्हें सम्पूर्ण बनना है क्योंकि वापिस घर जाना है और फिर पावन दुनिया में आना है''
प्रश्न:- सम्पूर्ण पावन बनने की युक्ति कौन सी है?
उत्तर:- सम्पूर्ण पावन बनना है तो पूरा बेगर बनो, देह सहित सब सम्बन्धों को भूलो और मुझे
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अब नाटक पूरा हो रहा है, हमें वापिस जाना है इसलिए आत्मा को बाप की याद से सतोप्रधान,
2) इस देह से भी पूरा बेगर बनने के लिए बुद्धि में रहे कि इन आंखों से जो कुछ भी देखते हैं,
वरदान:- सेवा में मान-शान के कच्चे फल को त्याग सदा प्रसन्नचित रहने वाले अभिमान मुक्त भव
रॉयल रूप की इच्छा का स्वरूप नाम, मान और शान है। जो नाम के पीछे सेवा करते हैं,
स्लोगन:- परमात्म प्यार के सुखदाई झूले में झूलो तो दु:ख की लहर आ नहीं सकती।
प्रश्न:- सम्पूर्ण पावन बनने की युक्ति कौन सी है?
उत्तर:- सम्पूर्ण पावन बनना है तो पूरा बेगर बनो, देह सहित सब सम्बन्धों को भूलो और मुझे
याद करो तब पावन बनेंगे। अब तुम इन आंखों से जो कुछ देखते हो यह सब विनाश होना है
इसलिए धन, सम्पत्ति, वैभव आदि सब भूल बेगर बनो। ऐसे बेगर ही प्रिन्स बनते हैं।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अब नाटक पूरा हो रहा है, हमें वापिस जाना है इसलिए आत्मा को बाप की याद से सतोप्रधान,
पावन जरूर बनाना है। बाप समान ज्ञान का सागर, शान्ति का सागर अभी ही बनना है।
2) इस देह से भी पूरा बेगर बनने के लिए बुद्धि में रहे कि इन आंखों से जो कुछ भी देखते हैं,
यह सब खत्म हो जाना है। हमें बेगर से प्रिन्स बनना है। हमारी पढ़ाई है ही नई दुनिया के लिए।
वरदान:- सेवा में मान-शान के कच्चे फल को त्याग सदा प्रसन्नचित रहने वाले अभिमान मुक्त भव
रॉयल रूप की इच्छा का स्वरूप नाम, मान और शान है। जो नाम के पीछे सेवा करते हैं,
उनका नाम अल्पकाल के लिए हो जाता है लेकिन ऊंच पद में नाम पीछे हो जाता है
क्योंकि कच्चा फल खा लिया। कई बच्चे सोचते हैं कि सेवा की रिजल्ट में मेरे को मान
मिलना चाहिए। लेकिन यह मान नहीं अभिमान हैं। जहाँ अभिमान है वहाँ प्रसन्नता
नहीं रह सकती, इसलिए अभिमान मुक्त बन सदा प्रसन्नता का अनुभव करो।
स्लोगन:- परमात्म प्यार के सुखदाई झूले में झूलो तो दु:ख की लहर आ नहीं सकती।