Friday, June 13, 2014

Murli-[13-6-2014]-Hindi

मीठे बच्चे - शरीर सहित जो कुछ भी देखने में आता है, यह सब विनाश होना है, तुम आत्माओं 
को अब घर लौटना है इसलिए पुरानी दुनिया को भूल जाओ'' 

प्रश्न:- तुम बच्चे किन शब्दों में सभी को बाप का मैसेज सुना सकते हो? 
उत्तर:- सभी को सुनाओ कि बेहद का बाप बेहद का वर्सा देने आया है। अब हद के वर्से का समय 
पूरा हुआ अर्थात् भक्ति पूरी हुई। अब रावण राज्य समाप्त होता है। बाप आया है तुम्हें रावण 5 
विकारों की जेल से छुड़ाने। यह पुरूषोत्तम संगमयुग है, इसमें तुम्हें पुरूषार्थ कर दैवी गुणों 
वाला बनना है। सिर्फ पुरूषोत्तम संगमयुग को भी समझ लें तो स्थिति श्रेष्ठ बन सकती है। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) अपार सुखों की दुनिया में चलने के लिए संगम पर खड़ा होना है। साक्षी हो सब कुछ देखते 
हुए बुद्धियोग नई दुनिया में लगाना है। बुद्धि में रहे अभी हम वापस घर लौट रहे हैं। 

2) सभी को जीयदान देना है, मनुष्य से देवता बनाने की सेवा करनी है। बेहद के बाप से पढ़कर 
दूसरों को पढ़ाना है। दैवी गुण धारण करने और कराने हैं। 

वरदान:- निश्चित विजय के नशे में रह बाप की पदमगुणा मदद प्राप्त करने वाले मायाजीत भव 

बाप की पदमगुणा मदद के पात्र बच्चे माया के वार को चैलेन्ज करते हैं कि आपका काम है 
आना और हमारा काम है विजय प्राप्त करना। वे माया के शेर रूप को चींटी समझते हैं क्योंकि 
जानते हैं कि यह माया का राज्य अब समाप्त होना है, हम अनेक बार के विजयी आत्माओं 
की विजय 100 परसेन्ट निश्चित है। यह निश्चित का नशा बाप की पदमगुणा मदद का 
अधिकार प्राप्त कराता है। इस नशे से सहज ही मायाजीत बन जाते हो। 

स्लोगन:- संकल्प शक्ति को जमा कर स्व प्रति वा विश्व प्रति इसका प्रयोग करो।