22-06-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:14-02-78 मधुबन
समीप आत्मा की निशानियाँ
वरदान:- सेवाओं में शुभ भावना की एडीशन द्वारा शक्तिशाली फल प्राप्त करने वाले
जो भी सेवा करते हो उसमें सर्व आत्माओं के सहयोग की भावना हो, खुशी की भावना
स्लोगन:- जैसे बाप जी-हाजिर कहते हैं वैसे आप भी सेवा में जी हाज़िर, जी हज़ूर करो
समीप आत्मा की निशानियाँ
वरदान:- सेवाओं में शुभ भावना की एडीशन द्वारा शक्तिशाली फल प्राप्त करने वाले
सफलतामूर्त भव
जो भी सेवा करते हो उसमें सर्व आत्माओं के सहयोग की भावना हो, खुशी की भावना
वा सद्भावना हो तो हर कार्य सहज सफल होगा। जैसे पहले जमाने में कोई कार्य करने
जाते थे तो सारे परिवार की आशीर्वाद लेकर जाते थे। तो वर्तमान सेवाओं में यह एडीशन
चाहिए। कोई भी कार्य शुरू करने के पहले सभी की शुभ भावनायें, शुभ कामनायें लो।
सर्व की सन्तुष्टता का बल भरो तब शक्तिशाली फल निकलेगा।
स्लोगन:- जैसे बाप जी-हाजिर कहते हैं वैसे आप भी सेवा में जी हाज़िर, जी हज़ूर करो
तो पुण्य जमा हो जायेगा।