Saturday, June 14, 2014

Murli-[14-6-2014]-Hindi

मीठे बच्चे - तुम सब आपस में रूहानी भाई-भाई हो, तुम्हारा रूहानी प्यार होना चाहिए, 
आत्मा का प्यार आत्मा से हो, जिस्म से नहीं'' 

प्रश्न:- बाप ने अपने घर की वन्डरफुल बात कौन-सी सुनाई है? 
उत्तर:- जो भी आत्मायें मेरे घर में आती हैं, वह अपने-अपने सेक्शन में अपने नम्बर पर 
फिक्स होती हैं। वह कभी भी हिलती डुलती नहीं। वहाँ पर सभी धर्म की आत्मायें मेरे 
नज़दीक रहती हैं। वहाँ से नम्बरवार अपने-अपने समय पर पार्ट बजाने आती हैं यह 
वन्डरफुल नॉलेज इसी समय कल्प में एक बार ही तुम्हें मिलती है। दूसरा कोई यह 
नॉलेज नहीं दे सकता। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) सदा याद सहज बनी रहे उसके लिए चलते फिरते यह चिंतन करना कि हम आत्मा हैं, 
परमधाम निवासी आत्मा यहाँ पार्ट बजाने आई हैं। बाप भी परमधाम में रहते हैं। 
वह ब्रह्मा तन में आये हैं। 

2) जैसे रूहानी बाप से आत्मा का प्यार है, ऐसे आपस में भी रूहानी प्यार से रहना है। 
आत्मा का आत्मा से प्यार हो, शरीर से नहीं। आत्म-अभिमानी बनने का पूरा-पूरा 
अभ्यास करना है। 

वरदान:- एक मिनट की एकाग्र स्थिति द्वारा शक्तिशाली अनुभव करने कराने वाले एकान्तवासी भव
 
एकान्तवासी बनना अर्थात् कोई भी एक शक्तिशाली स्थिति में स्थित होना। चाहे बीजरूप 
स्थिति में स्थित हो जाओ, चाहे लाइट माइट हाउस की स्थिति में स्थित हो विश्व को लाइट 
माइट दो, चाहे फरिश्ते पन की स्थिति द्वारा औरों को अव्यक्त स्थिति का अनुभव कराओ। 
एक सेकण्ड वा एक मिनट भी अगर इस स्थिति में एकाग्र हो स्थित हो जाओ तो स्वयं को 
और अन्य आत्माओं को बहुत लाभ दे सकते हो। सिर्फ इसकी प्रैक्टिस चाहिए। 

स्लोगन:- ब्रह्माचारी वह है जिसके हर संकल्प, हर बोल में पवित्रता का वायब्रेशन समाया हुआ है।