Sunday, March 31, 2013

Murli [31-03-2013]-Hindi


31-03-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:18-01-76 मधुबन 

स्मृति दिवस को समर्थी दिवस के रूप में मनाओ 

वरदान:- एक बाप को अपना संसार बनाकर सदा हंसने, गाने और उड़ने वाले प्रसन्नचित भव 

कहा जाता है दृष्टि से सृष्टि बदल जाती है तो आपकी रूहानी दृष्टि से सृष्टि बदल गई, 
अभी आपके लिए बाप ही संसार है। पहले के संसार और अभी के संस्कार में फ़र्क हो 
गया, पहले संसार में बुद्धि भटकती थी, अभी बाप ही संसार हो गया तो बुद्धि का 
भटकना बंद हो गया। बेहद की प्राप्तियां कराने वाला बाप मिल गया तो और क्या 
चाहिए इसलिए हंसते गाते, उड़ते सदा प्रसन्नचित रहो। माया रूलाये तो भी रोना नहीं। 

स्लोगन:- दिल साफ हो तो मुराद हांसिल होती रहेगी, सर्व प्राप्तियां स्वत: आपके समाने आयेंगी।