Saturday, March 23, 2013

Murli [23-03-2013]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - भगवान आया है सभी भक्तों को भक्ति का फल मुक्ति-जीवनमुक्ति का ठिकाना देने, तुम भक्त से अभी वारिस (बच्चे) बने हो'' 
प्रश्न:- तुम बच्चे किस स्मृति में रहो तो दिल में खुशी के ढोल-बाजे बजते रहेंगे? 
उत्तर:- सदा स्मृति रहे कि मोस्ट बिलवेड बाबा आया है हमें विश्व का मालिक, शाहों का शाह बनाने। हम अभी सूर्यवंशी राजा रानी बन रहे हैं। बाबा हमें 21 जन्मों के लिए एवर हेल्दी, वेल्दी बना रहा है। हमारे सतयुगी राज्य में सब चीजें फर्स्टक्लास होंगी। तत्व भी सतोप्रधान होंगे। आत्मा और शरीर दोनों गुल-गुल (फूल समान) होंगे। इसी स्मृति से दिल में खुशी के ढोल-बाजे बजते रहेंगे। 
धारणा के लिए मुख्य सार :- 1) रूहानी यात्रा पर तत्पर रह, याद से आत्मा और शरीर दोनों को गुल-गुल (फूल समान) बनाना है। विकर्म विनाश करने हैं। 
2) हम डायरेक्ट ईश्वर की मत पर भारत को श्रेष्ठ, मानव मात्र को दैवीगुणधारी बनाने की सेवा के निमित्त हैं - इस स्मृति में रहना है। 
वरदान:- इन्तजार को छोड़ इन्तजाम करने वाले वियोगी के बजाए सहयोगी सो सहजयोगी भव 
कई बच्चे इन्तजार करते हैं कि यह छोड़ें तो छूटूं, यह टकराव छोड़ें तो छूटूं-लेकिन ऐसा नहीं होता। यह तो माया के विघ्न वा पढ़ाई में पेपर समय प्रति समय भिन्न-भिन्न रूपों से आने ही हैं। तो यह इन्तजार नहीं करो कि फलाना व्यक्ति पास करे, फलानी परिस्थिति पास करे.. नहीं, मुझे पास करना है। ऐसा इन्तजाम करो। सदा श्रीमत की अंगुली के आधार पर चलते, सहयोगी सो सहजयोगी बनो। कभी सहयोगी कभी वियोगी नहीं। 
स्लोगन:- अपने उमंग-उत्साह द्वारा अनेक आत्माओं का उत्साह बढ़ाना - यह सच्ची सेवा है।