मुरली सार:- ''मीठे लाडले बच्चे - तुम्हारी है रूहानी याद की यात्रा, तुम्हें शरीर को कोई तकलीफ नहीं देनी है, चलते-फिरते, उठते-बैठते बुद्धि से बाप को याद करो''
प्रश्न:- सदा खुशी किन बच्चों को रहती है? स्थाई खुशी न रहने का कारण क्या है?
उत्तर:- जो पुरानी दुनिया, पुराने शरीर से ममत्व तोड़ बाप और वर्से को याद करते हैं उन्हें ही स्थाई खुशी रहती है। जिनकी याद की यात्रा में माया के तूफान आते, अवस्था ठण्डी हो जाती उनकी खुशी स्थाई नहीं रहती। 2- जब तक भविष्य राजाई इन आंखों से नहीं देखते हैं, तब तक खुशी कायम नहीं रह सकती।
गीत:- हमें उन राहों पर चलना है...
धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) सतोप्रधान सन्यास से आत्मा और शरीर दोनों को पवित्र बनाना है। पुरानी दुनिया और पुराने शरीर से ममत्व तोड़ देना है।
2) त्रिकालदर्शी बन पास्ट, प्रेजन्ट, फ्युचर को बुद्धि में रख पुरुषार्थ करना है। नॉलेज को धारण कर स्थाई खुशी में रहना है।
वरदान:- सर्व रूहानी खजानों से सम्पन्न बन सदा सन्तुष्ट रहने वाले आलराउण्ड सेवाधारी भव
आलराउण्ड सेवाधारी अर्थात् मास्टर सुख दाता, मास्टर शान्ति दाता, मास्टर ज्ञान दाता। दाता सदा सम्पन्न मूर्त होते हैं। जैसा स्वयं होंगे वैसा औरों को बनायेंगे। रूहानी सेवाधारी अर्थात् एवररेडी और आलराउन्ड। आलराउन्डर वही बन सकते जो सम्पन्न हैं, सम्पन्न ही सन्तुष्ट होंगे और सबको सन्तुष्ट करेंगे। किसी भी प्रकार की अप्राप्ति असन्तुष्टता पैदा करती है। सन्तुष्ट रहने और सन्तुष्ट करने की विधि है सम्पन्न और दाता बनना।
स्लोगन:- शुभ भावना, शुभ कामना की गोल्डन गिफ्ट साथ हो तो किसी भी आत्मा का परिवर्तन कर सकते हो।
प्रश्न:- सदा खुशी किन बच्चों को रहती है? स्थाई खुशी न रहने का कारण क्या है?
उत्तर:- जो पुरानी दुनिया, पुराने शरीर से ममत्व तोड़ बाप और वर्से को याद करते हैं उन्हें ही स्थाई खुशी रहती है। जिनकी याद की यात्रा में माया के तूफान आते, अवस्था ठण्डी हो जाती उनकी खुशी स्थाई नहीं रहती। 2- जब तक भविष्य राजाई इन आंखों से नहीं देखते हैं, तब तक खुशी कायम नहीं रह सकती।
गीत:- हमें उन राहों पर चलना है...
धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) सतोप्रधान सन्यास से आत्मा और शरीर दोनों को पवित्र बनाना है। पुरानी दुनिया और पुराने शरीर से ममत्व तोड़ देना है।
2) त्रिकालदर्शी बन पास्ट, प्रेजन्ट, फ्युचर को बुद्धि में रख पुरुषार्थ करना है। नॉलेज को धारण कर स्थाई खुशी में रहना है।
वरदान:- सर्व रूहानी खजानों से सम्पन्न बन सदा सन्तुष्ट रहने वाले आलराउण्ड सेवाधारी भव
आलराउण्ड सेवाधारी अर्थात् मास्टर सुख दाता, मास्टर शान्ति दाता, मास्टर ज्ञान दाता। दाता सदा सम्पन्न मूर्त होते हैं। जैसा स्वयं होंगे वैसा औरों को बनायेंगे। रूहानी सेवाधारी अर्थात् एवररेडी और आलराउन्ड। आलराउन्डर वही बन सकते जो सम्पन्न हैं, सम्पन्न ही सन्तुष्ट होंगे और सबको सन्तुष्ट करेंगे। किसी भी प्रकार की अप्राप्ति असन्तुष्टता पैदा करती है। सन्तुष्ट रहने और सन्तुष्ट करने की विधि है सम्पन्न और दाता बनना।
स्लोगन:- शुभ भावना, शुभ कामना की गोल्डन गिफ्ट साथ हो तो किसी भी आत्मा का परिवर्तन कर सकते हो।