Friday, March 8, 2013

Murli [8-03-2013]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - सबको सुख देने वाला भोला व्यापारी एक बाप है, वही तुम्हारी सब पुरानी चीजें लेकर नई देते हैं, उनकी ही पूजा होती है'' 
प्रश्न:- तुम्हारी गॉडली मिशनरी का कर्तव्य क्या है? तुम्हें कौन सी सेवा करनी है? 
उत्तर:- तुम्हारा कर्तव्य है - सभी मनुष्यमात्र का कल्याण करना। सबको तमोप्रधान से सतोप्रधान बनाने के लिए बाप का सन्देश देना। तुम सबको बोलो कि स्वर्ग स्थापन कर्ता बाप को याद करो तो तुम्हारा कल्याण होगा। तुम्हें सबको लक्ष्य देना है। जो देवताओं को मानने वाले, तुम्हारे कुल के होंगे वह इन सब बातों को समझेंगे। तुम्हारी हैं रूहानी बातें। 
गीत:- भोलेनाथ से निराला... 
धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) ब्राह्मण सो देवता बनने के लिए स्वदर्शन चक्र का और मनमनाभव का अर्थ बुद्धि में यथार्थ रीति रखना है। सबको लक्ष्य देने की सेवा करनी है। 
2) माया पर जीत पाने के लिए विचार सागर मंथन कर ज्ञान की गहराई में जाना है। रत्न निकालने हैं। 
वरदान:- स्वदर्शन चक्रधारी बन हर कर्म चरित्र के रूप में करने वाले मायाजीत, सफलतामूर्त भव 
जैसे बाप के हर कर्म चरित्र के रूप में गाये जाते हैं ऐसे आपके भी हर कर्म चरित्र के समान हों। जो बाप के समान स्वदर्शन चक्रधारी बने हैं उनसे कभी भी साधारण कर्म नहीं हो सकते। स्वदर्शन चक्रधारी की निशानी ही है सफलता स्वरूप। जो भी कार्य करेंगे उसमें सफलता समाई हुई होगी। स्वदर्शन चक्रधारी मायाजीत होने के कारण सफलता मूर्त होंगे और जो सफलतामूर्त हैं वह हर कदम में पदमापदम पति हैं।