मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - बाप समान निडर बनो, अपनी अवस्था साक्षी रख सदा हर्षित रहो, याद में रहने से ही अन्त मती सो गति होगी''
प्रश्न:- खुशनसीब बच्चे सदा फ्रेश और हर्षित रहने के लिए कौन सी विधि अपनाते हैं?
उत्तर:- दिन में दो बारी ज्ञान स्नान करने की। बड़े आदमी फ्रेश रहने के लिए दो बार स्नान करते हैं। तुम बच्चों को भी ज्ञान स्नान दो बारी करना चाहिए। इससे बहुत फ़ायदे हैं - 1. सदा हर्षित रहेंगे, 2. खुशनसीब, तकदीरवान बन जायेंगे, 3. किसी भी प्रकार का संशय निकल जायेगा, 4. मायावी लोगों के संग से बच जायेंगे, 5. बाप और टीचर खुश होंगे, 6. गुल-गुल (फूल) बन जायेंगे। अपार खुशी में रहेंगे।
गीत:- जाग सजनिया जाग...
धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) बेहद के बाप से अथाह ज्ञान धन लेने के लिए दो बारी ज्ञान स्नान करना है। पढ़ाई में रेगुलर जरूर बनना है।
2) फुल कास्ट सच्चा पवित्र ब्राह्मण बनना है। बाप का मददगार बनना है। गंदी तृष्णा रखने वालों के संग में कभी नहीं फंसना है।
वरदान:- सूर्यमुखी पुष्प के समान ज्ञान सूर्य के प्रकाश से चमकने वाले सदा सम्मुख और समीप भव
जैसे सूर्यमुखी पुष्प सदा सूर्य की सकाश से घिरा हुआ रहता है। उसका मुख सूर्य की तरफ होता है, पंखुड़ियां सूर्य की किरणों के समान सर्किल में होती हैं। ऐसे जो बच्चे सदा ज्ञान सूर्य के समीप और सम्मुख रहते हैं, कभी दूर नहीं होते - वे सूर्यमुखी पुष्प के समान ज्ञान सूर्य के प्रकाश से स्वयं भी चमकते और दूसरों को भी चमकाते हैं।
स्लोगन:- सदा हिम्मतवान बनो और सर्व को हिम्मत दिलाओ तो परमात्म मदद मिलती रहेगी।
प्रश्न:- खुशनसीब बच्चे सदा फ्रेश और हर्षित रहने के लिए कौन सी विधि अपनाते हैं?
उत्तर:- दिन में दो बारी ज्ञान स्नान करने की। बड़े आदमी फ्रेश रहने के लिए दो बार स्नान करते हैं। तुम बच्चों को भी ज्ञान स्नान दो बारी करना चाहिए। इससे बहुत फ़ायदे हैं - 1. सदा हर्षित रहेंगे, 2. खुशनसीब, तकदीरवान बन जायेंगे, 3. किसी भी प्रकार का संशय निकल जायेगा, 4. मायावी लोगों के संग से बच जायेंगे, 5. बाप और टीचर खुश होंगे, 6. गुल-गुल (फूल) बन जायेंगे। अपार खुशी में रहेंगे।
गीत:- जाग सजनिया जाग...
धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) बेहद के बाप से अथाह ज्ञान धन लेने के लिए दो बारी ज्ञान स्नान करना है। पढ़ाई में रेगुलर जरूर बनना है।
2) फुल कास्ट सच्चा पवित्र ब्राह्मण बनना है। बाप का मददगार बनना है। गंदी तृष्णा रखने वालों के संग में कभी नहीं फंसना है।
वरदान:- सूर्यमुखी पुष्प के समान ज्ञान सूर्य के प्रकाश से चमकने वाले सदा सम्मुख और समीप भव
जैसे सूर्यमुखी पुष्प सदा सूर्य की सकाश से घिरा हुआ रहता है। उसका मुख सूर्य की तरफ होता है, पंखुड़ियां सूर्य की किरणों के समान सर्किल में होती हैं। ऐसे जो बच्चे सदा ज्ञान सूर्य के समीप और सम्मुख रहते हैं, कभी दूर नहीं होते - वे सूर्यमुखी पुष्प के समान ज्ञान सूर्य के प्रकाश से स्वयं भी चमकते और दूसरों को भी चमकाते हैं।
स्लोगन:- सदा हिम्मतवान बनो और सर्व को हिम्मत दिलाओ तो परमात्म मदद मिलती रहेगी।