Wednesday, March 20, 2013

Murli [20-03-2013]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - मोस्ट बिलवेड बाप का यथार्थ परिचय देने की युक्तियां निकालनी हैं, एक्यूरेट शब्दों में अल्फ का परिचय दो तो सर्वव्यापी की बात खत्म हो जायेगी'' 
प्रश्न:- अविनाशी ज्ञान रत्न चुगने वाले बच्चों का फ़र्ज क्या है? 
उत्तर:- ज्ञान की हर बात पर अच्छी रीति विचार सागर मंथन कर एक बाप की सबको सही पहचान देना। पुण्य आत्मा बनाने वाले के साथ-साथ पापात्मा किसने बनाया - यह समझ देना, तुम बच्चों का फ़र्ज है। सबको रावण के बेर चुगने से बचाए ज्ञान रत्न चुगाने हैं। सर्विस की भिन्न-भिन्न युक्तियां निकालनी हैं। सर्विस में बिजी रहने से ही अपार खुशी रहेगी। 
गीत:- प्रीतम आन मिलो.... 
धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) अमृतवेले के शुभ महूर्त में बाप को बहुत प्यार से याद कर खुशी का पारा चढ़ाना है। चलते-फिरते भी याद का अभ्यास करना है। 
2) पाप कर्मों से बचने वा ज्ञान की अच्छी धारणा करने के लिए एक बाप से बुद्धियोग जोड़ने की मेहनत करनी है। 
वरदान:- समेटने की शक्ति द्वारा पेटी बिस्तरा बंद करने वाले समय पर एवररेडी भव 
एवररेडी उसे कहा जाता जो समेटने की शक्ति द्वारा देह, देह के संबंध, पदार्थ, संस्कार... सबका पेटी बिस्तरा बंद करके तैयार हो, इसलिए चित्रों में भी समेटने की शक्ति को पेटी बिस्तरा पैक किया हुआ दिखाते हैं। संकल्प भी न आये कि अभी यह करना है, यह बनना है, अभी यह रह गया है। सेकण्ड में तैयार। समय का बुलावा हुआ और एवररेडी। कोई भी संबंध वा पदार्थ याद न आये। 
स्लोगन:- परमात्मा के गुणों और शक्तियों को स्वयं में धारण करना ही महान तपस्या है।