Sunday, April 28, 2013

Murli [28-04-2013]-Hindi

28-04-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:27-01-76 मधुबन 

तीन श्रेष्ठ ईश्वरीय वरदान 

वरदान:- श्रीमत प्रमाण जी हजूर कर, हजूर को हाज़िर अनुभव करने वाले सर्व प्रापित सम्पन्न भव 

जो हर बात में बाप की श्रीमत प्रमाण ''जी हजूर-जी हजूर'' करते हैं, तो बच्चों का जी हजूर करना और 
बाप का बच्चों के आगे हाजिर हजूर होना। जब हजूर हाजिर हो गया तो किसी भी बात की कमी नहीं 
रहेगी, सदा सम्पन्न हो जायेंगे। दाता और भाग्य-विधाता-दोनों की प्राप्तियों के भाग्य का सितारा मस्तक 
पर चमकने लगेगा। 

स्लोगन:- परमात्म वर्से के अधिकारी बनकर रहो तो अधीनता आ नहीं सकती।