Saturday, April 6, 2013

Murli [6-04-2013]-English

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे-किसी भी कारण से कुल कलंकित नहीं बनना है, 
धरत परिये धर्म न छोड़िये, बाप से किया हुआ वचन सदा याद रहे'' 

प्रश्न:- बच्चों को कौन-सी खबरदारी हर क़दम पर रखना बहुत जरूरी है? 
उत्तर:- ईश्वर के सामने जो वचन लिया है, वायदा व प्रतिज्ञा की है वह किसी भी हालत में निभाना है।
 यह खबरदारी रखना बहुत जरूरी है। कभी भी बाप का बनने के बाद कीचक बन उल्टे कर्म नहीं करना।
 अगर उल्टा कर्म किया तो धर्मराज पूरा-पूरा हिसाब लेंगे। मनमत वा परमत पर नहीं चलना, 
हर कदम पर श्रीमत याद रहे। 

गीत:- तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो... 

धारणा के लिए मुख्य सार :- 

1) बाप से जो प्रतिज्ञा की है उस पर कायम रहना है। कभी भी जबान दे बदलना नहीं है।
 बहुत-बहुत खबरदार रहना है। 

2) अपना और दूसरों का ज्ञान श्रृंगार करना है। कभी भी देह-अभिमानी बन साकार शरीर में न फँसना है, 
न किसी को फँसाना है। 

वरदान:- रूहानी आकर्षण द्वारा सेवा और सेवाकेन्द्र को चढ़ती कला में ले जाने वाले योगी तू आत्मा भव

जो योगी तू आत्मायें रूहानियत में रहती हैं, उनकी रूहानी आकर्षण सेवा और सेवाकेन्द्र को स्वत: 
चढ़ती कला में ले जाती है। योगयुक्त हो रूहानियत से आत्माओं का आह्वान करने से जिज्ञासु स्वत: 
बढ़ते हैं। इसके लिए मन सदा हल्का रखो, किसी भी प्रकार का बोझ नहीं रहे। दिल साफ मुराद हांसिल करते रहो, 
तो प्राप्तियां आपके सामने स्वत: आयेंगी। अधिकार ही आप लोगों का है। 

स्लोगन:- परमात्म ज्ञानी वह है जो सर्व बन्धनों एवं आकर्षणों से मुक्त है।